रोज़ नए मोड़ लेता हाथरस रेप कांड, एसपी डीएसपी के सस्पेंड होने के बाद आज मीडिया को गांव में मिली जाने की अनुमति, पीड़िता के परिवार वाले बोले सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो पूरी जांच, हमें बंधक बनाकर रखा प्रशासन ने
हाथरस गैंग रेप केस में दिल्ली से लेकर पीड़ित लड़की के गांव तक हंगामा व राजनीति जारी है। एक तरफ दिल्ली के वाल्मिकी मंदिर से पीड़ित के लिए एक प्रार्थना सभा की गई तो वहीं इस घटना के विरोध में जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन हुआ पीड़ित युवती के बुलगाढी़ गांव में भी गुस्साए लोगों ने हंगामा किया दूसरी तरफ नेताओं का सोशल मीडिया पर वाद-विवाद इस घटना के प्रति ट्वीट कर दर्शाया जा रहा है। 14 सितंबर को हुई इस दरिंदगी में कई दांव-पेच अब तक देखने को मिल चुके हैं। अब आपको बता दें कि 18 दिन बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार रात को बड़ी कार्रवाई की और जिले के एसपी और डीएसपी समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही पीड़ित परिजनों का नार्को टेस्ट करने का फैसला किया है। वहीं, विनीत जयसवाल को हाथरस का एसपी बनाया गया है। पीड़ित युवती का शव जलाने के 3 दिन बाद पुलिस ने मीडिया को पीड़ित परिजनों के गांव में एंट्री व बातचीत करने की अनुमति दी है। मीडिया से बातचीत में पीड़ित परिजनों ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए पीड़ित की मां ने कहा आखिरी बार बेटी का मुंह भी नहीं देखने दिया, हमें तो यह भी नहीं पता कि पुलिस ने किसकी लाश जलाई और हम किसकी हड्डियां लाए हैं डीएम साहब ने हमें काफी धमकाया कहां की बेटी कोरोना से मर जाती तब क्या करते। तो दूसरी तरफ पीड़ित की भाभी ने कहा कि पुलिस ने हम से मारपीट की इस पूरे घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए। हमारा नार्को टेस्ट करवाने की बात कही जा रही है। लेकिन नार्को टेस्ट तो डीएम का होना चाहिए। हम तो सच बोल रहे हैं। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले डीएम ने एक वायरल वीडियो के चलते उनके आवास पर लोगों ने कचरा फेंका व प्रदर्शन भी किया वीडियो में वे पीड़ित परिजनों को धमकाते हुए नजर आ रहे थे। जिस पर अभी तक डीएम को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उसके बाद पीड़ित के भाई ने बताया कि बुधवार रात 10 बजे तक पुलिस घर पर रही। इस बीच किसी को कहीं जाने पर प्रतिबंध लगाया। हमें किसी की कोई खबर नहीं। हम यही चाहते हैं कि जांच ठीक से हो हाथरस सदर के एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने कहां “अभी सिर्फ मीडिया को गांव के अंदर जाने की अनुमति दी गई है बाकी लोगों को परमिशन के आर्डर आते ही सबको बता देंगे। यह आरोप गलत है कि पीड़ित परिजनों के फोन ले लिए गए हैं और उन्हें घर में कैद किया। पीड़ित के गांव में पुलिस का पहरा है और ड्रोन से गांव पर नजर रखी जा रही है। इस बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी से बात हुई है। एसआईटी (SIT) की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि एसआईटी ने इस मामले में अपनी पहली रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी। रिपोर्ट के आधार पर एसपी हाथरस विक्रांत वीर को लापरवाही बरतने के जुर्म में निलंबित किया गया। इसके साथ सीओ राम शब्द, प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, सीनियर सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह, हेड कांस्टेबल महेश पाल भी सस्पेंड हुए।