इंदौर और प्रदेश में हर जगह दिखने लगे बिखारी जबकि अपराधों में भी इनका हाथ और बीमारी फैलाने में भी आगे, पूर्व पार्षद ने लगाई हाई कोर्ट में याचिका, कहा सरकार कुछ नहीं कर रही
बाइट- मनीष यादव हाई कोर्ट एडवोकेट
बढ़तीभिक्षावृति,भिखारीयो के अपराधों में संलिप्तता और उनके द्वारा कोरोना फैलने पर चिंता जताते हुए और उनके पुनर्वास के लिए, क्या कर रही है सरकार 3 सप्ताह में आवश्यक रूप से जवाब दे-हाई कोर्ट इंदौर हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता पूर्व पार्षद महेश गर्ग की और से एडवोकेट मनीष यादव और एडवोकेट मेहुल वर्मा ने जनहित याचिका दायर कर सरकार द्वारा भिखारियों के सम्बंध में कोई कार्यवाही न किये जाने तर्क वीएडो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से थे यादव ने न्यायालय को बताया कि, किस तरह हर चौराहे और मंदिर के बाहर बढ़ी संख्या में भिकारी घूमते रहते है और उनके गंभीर अपराधों में संलिप्तता का भी आरोप लगाते हुए, तथ्य रहे कि किस तरह ये आमजन के लिए खतरा साबित हो रहे है | जबकि मध्यप्रदेश में भीख मांगना दंडनीय अपराध है | जिसमे सजा का भी प्रावधान है बावजूद उसके सरकार कोई कदम नही उठा रही और तो और धार्मिक स्थल के बाहर ये लोग बिना मास्क बिना शारीरिक दूरी के बैठे है | जिससे कोरोना फैलने का भी खतरा है, समर्थन में याचिकाकर्ता की और से अखबारों की प्रति और फोटोग्राफ प्रस्तुत की गई थी | सरकार द्वारा तर्क रखे गए कि याचिकाकर्ता अगर आवेदन देता है तो उसपर विचार किया जा सकता है | जिस पर यादव ने आपत्ति करते हुए कहा सरकार जवाब पेश करने से क्यों बचना चाहती है | संवेदनशील मुद्दे में जबकि न्यायालय ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है |
माननीय न्यायालय ने एडवोकेट यादव तर्कों से सहमत होकर न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति शेलेन्द्र शुक्ला की युगलपीठ ने नगरीय प्रशासन मंत्रालय, निगम कमिश्नर इंदौर समेत डी आई जी को 3 सप्ताह में जवाब मांगा है अगली सुनवाई 5 जनवरी को नियत की है |