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जयपुर – पुलिस आयुक्त, जयपुर श्री आंनद श्रीवास्तव ने बताया कि जयपुर आयुक्तालय क्षेत्र के थानों में आमजन के मोबाइल गुमशुदगी के प्रकरणों में ‘‘अपना मोबाइल अपने हाथ, जयपुर कमिश्नरेट के साथ’’ कार्ययोजना बनाकर उनकी ट्रेसिंग कर मोबाइल धारकों को सुपुर्द करने हेतु सी.एस.टी आयुक्तालय जयपुर की चेन, पर्स, मोबाइल स्नैचिंग एवं अन्य संपत्ति संबंधी अपराध इकाई का गठन किया गया।
सी.एस.टी गठित इकाई व तकनीकी शाखा, पुलिस आयुक्तालय जयपुर द्वारा गत 03 माह से जयपुर आयुक्तालय क्षेत्राधिकार के विभिन्न थानों में परिवादियों के मोबाइल गुमशुदगी के गत 01 साल की अवधि के मिसींग मोबाइल डाटा संकलित किये गये। मोबाइल जो तत्समय उपयोग में नहीं लिये जाने के कारण ट्रेस नहीं किये जा सके थे। जिनको ट्रेसिंग व सम्बधित को अपना मोबाइल दिलाने हेतु प्रत्येक थाना से सूची प्राप्त की जाकर एकजाई सूची तैयार की गई तथा उनको विभिन्न मोबाइल ऑपरेटर कम्पनियों में आई.एम.आई. नम्बर के आधार पर टेªस किये गये तो उक्त मोबाइल जयपुर व देश भर के अन्य जिलों में लोगों के द्वारा उपयोग में लिया जाना सामने आया जिस पर ‘‘अपना मोबाइल अपने हाथ, जयपुर कमिश्नरेट के साथ’’ अभियान के तहत तकनीकी शाखा ने मोबाइल बरामदगी हेतु अथक प्रयास किये गये।
पुलिस आयुक्तालय जयपुर की गठित टीम ने विषम परिस्थितियों में भी लगातार उच्चस्तर पर कार्य करते हुये मोबाइल बरामद किये तथा बरामदगी हेतु सीकर, झुन्झुनू, चूरू, अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर, दौसा, करौली, भरतपुर, अलवर, कोटा व सीमावर्ती जिलों से कार्मिकों के द्वारा करोड़ो रूपये के 525 मोबाइल बरामद करने में सफलता अर्जित की है।
‘‘ अपना मोबाइल अपने हाथ, जयपुर कमिश्नरेट के साथ’’ अभियान की शुरूआत माह मार्च-2020 से की गयी थी। वर्ष 2021 में अभियान के तहत बरामद किये गये 525 मोबाइलों में से आज कमिश्नरेट परिसर में कुछ मोबाइल धारकों को बुलाकर उनके गुमे हुये मोबाइल श्रीमान पुलिस आयुक्त महोदय द्वारा सुपुर्द किये गये। साथ ही शेष बरामद मोबाइलों को संबंधित डीसीपी कार्यलय के माध्यम से बीट कानिस्टेबलों के द्वारा मोबाइल धारकों को सुपुर्द किये जाने के निर्देश दिये गये।
बरामद किये गये मोबाइलों में अधिकतर महंगे स्मार्टफोन है, जिनकी कीमत 15,000 रूपये से शुरू होकर अधिकतम कीमत 1,20,000/- रूपये तक की है। बरामद किये गये कुल 525 मोबाइल की कीमत करीब 03 करोड़ रूपये हैं। बरामद मोबाइल काफी मंहगे कीमतों के हैं, जिनमें एप्पल, सैमसंग, ओपो, विवो, वन प्लस, टेबलेट्स आदि कम्पनियों के हैं।
मिसींग मोबाइलों की रिकवरी व फिल्ड इनपुट के आधार पर यह सामने आया है कि जयपुर शहर में कुछ ऐसे लोग सक्रिय हैं जो उक्त मोबाइलों को खरीदकर फर्जी बिल बनाकर बेचान करते हैं। मिसींग मोबाइल को मेवात व जयपुर के आस-पास के इलाकों में मजदूर वर्ग के लोगों को बिना बिल के बेचान करना सामने आया है।
बरामद किये गये 525 मोबाइलों में से जिला जयपुर उत्तार के 112 मोबाइल, जिला जयपुर दक्षिण के 119 मोबाइल, जिला जयपुर पूर्व के 209 मोबाइल, जिला जयपुर पश्चिम के 85 मोबाइल बरामद हुये हैं।
‘‘अपना मोबाइल अपने हाथ, जयपुर कमिश्नरेट के साथ’’ अभियान के तहत पुलिस आयुक्तालय जयपुर द्वारा अब तक कुल 3,506 बरामद कर मोबाइल धारकों को सुपर्द किये जा चुके है। उक्त अभियान लगातार जारी रहेगा।
आमजन के लिये संदेश:- आमजन अपने गुम हुये मोबाइल की संबंधित थानों पर उपस्थित होकर या राजस्थान पुलिस की ऑफिशियल वेबसाईट पर ऑनलाईन राकॉप सिटीजन एप के जरिये दर्ज करवा सकते हैं, जिससे मोबाइल ऑनलाईन ट्रेस किये जा सके। उक्त कार्यवाही में तकनीकी शाखा से कानि. गिरधारी की अहम भूमिका रही है।
गठित सी.एस.टी.:- श्री पन्नालाल पुलिस निरीक्षक, सर्वश्री सुनील कुमार स.उ.नि. हैड कानि. हरिनारायण, कानि. मुश्ताक खान, कानि गंगाराम, कानि मरगूब, कानि रविन्द्र पाल, कानि. मंगलज, कानि मधुवन, कानि रामवतार, कानि. जगदीश कानि. पवन कुमार।
तकनीकी टीम:- श्री राजेश कुमार स.उ.नि. कानि. गिरधारी लाल, कानि. हरीश कुमार, कानि. राजेश कुमार, कानि. सोहनलाल, कानि. बाबुलाल, कानि. दीनदयाल, कानि. रामचन्द्र।