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झालावाड़ : आधा शहर प्यासा, हंगामा – 12 घंटे का कैलकुलेशन लगा कालीसिंध से पीपाजी का देह तक छोड़ा पानी, तीन दिन हो गए अभी तक नहीं पहुंचा , अधिकारी बोले ” गलती से मिस्टेक हो गई “

 

जलदाय विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से आधा शहर प्यासा.
पीएचईडी के अधिकारियों ने कालीसिंध बांध से पीपाजी दह तक पानी पहुंचाने का गलत गणित लगा लिया इसका नतीजा यह रहा कि पीएचईडी के अधिकारियों के हिसाब से जो पानी 12 घंटे में पहुंचना चाहिए था, वह तीन दिन बाद भी पीपाजी दह तक नहीं पहुंचा ।

इसका सीधा खामियाजा शहरवासियाें को भुगतना पड़ रहा है आधे शहर में पीपाजी दह से पेयजल आपूर्ति होती है, लेकिन पिछले तीन से चार दिनों से शहर के कई इलाकाें में जलापूर्ति ही नहीं हाे रही है ।

खारी बावडी क्षेत्र, ,संजय कॉलोनी, मंगलपुरा, बड़ा बाजार सहित अन्य क्षेत्रों में लोगों को पानी के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है दरअसल, पीपाजी दह में पूरी तरह से पानी खत्म हो चुका है । इसके चलते कालीसिंध बांध के दो गेट खोलकर 100 एमसीएफटी पानी लिया जा रहा है, ताकि तीन माह तक शहर काे पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ा ।

इसी को लेकर पीएचइडी के अधिकारियों ने जो कार्य योजना बनाई वह पूरी तरह से फेल हो गई सोमवार को भी पीएचइडी के अधिकारी कालीसिंध बांध से पानी आने का इंतजार करते रहे, लेकिन पानी मुंडेरी पुलिया तक ही पहुंचा ।

इसका मुख्य कारण नदी का पूरी तरह से सूखना है। नदी सूखने के कारण गड्‌ढों और एनिकट में ही पानी भर गया। इसी का नतीजा रहा कि पानी की रफ्तार धीरे हो गई ।

तीन गलतियां की अधिकारियों ने पानी लाने में, इसलिए उठानी पड़ रही परेशानी

1. पीपाजी का जलस्तर लगातार घट रहा था, लेकिन अधिकारियों को पता ही नहीं चला
पीपाजी दह का जलस्तर लगातार घट रहा था, लेकिन अधिकारियों को इसका पता ही नहीं चल पाया बार-बार मोटर पंप को नीचे करवाया गया । इससे भी समस्या हल नहीं हुई, तब जाकर ऐन वक्त पर कालीसिंध बांध के गेट खोलने की तैयारी की
होना यह चाहिए था, पीपाजी का दह का जलस्तर घटते ही अधिकारियों को कालीसिंध बांध से पानी लाने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए थी, ऐन समय का इसमें इंतजार नहीं किया जाना था

2. गेट खोलने की परमिशन जयपुर से आनी थी, स्थानीय स्तर पर ही करते रहे तैयारी
कालीसिंध बांध के गेट खोलने की परमिशन जयपुर से आनी थी, लेकिन पीएचइडी के अधिकारी स्थानीय स्तर पर ही तैयारी करते रहे। काफी बाद में पता चला कि इसके लिए जयपुर से परमिशन लेनी पड़ेगी। तब तक पीपाजी दह का जलस्तर पूरी तरह से खत्म हो चुका था, होना यह चाहिए था, जयपुर से कालीसिंध बांध के गेट खोलने की परमिशन आनी थी, तो इसकी प्रक्रिया मार्च माह के अंतिम सप्ताह में शुरू कर देनी चाहिए थी, इससे होता यह कि शहर में एक दिन भी पेयजल संकट नहीं आ पाता

3. पीपाजी दह का जलस्तर कम होता रहा तब भी छापी का पंप हाउस नहीं कर पाए शुरू
पीपाजी दह का जलस्तर लगातार कम होता रहा, लेकिन उसके बाद भी पीएचइडी के अधिकारी छापी में पंप हाउस को शुरू नहीं कर पाए। यहां दो पंप हाउस से तो पानी दिया जा रहा है, लेकिन तीसरा पंप हाउस बनकर तैयार हो गया है फिर भी इससे पानी नहीं दिया जा रहा है ।
होना यह चाहिए था: जब छापी बांध में पर्याप्त पानी है तो फिर गर्मी से पहले ही वहां के सभी पंप हाउस से पानी देना शुरू किया जाना चाहिए था, जबकि अधिकारियों ने ध्यान ही नहीं दिया। अब कालीसिंध से पानी खरीदना पड़ रहा है ।

कालीसिंध बांध से दाे गेट खाेलकर शुक्रवार काे 100 एमसीएफएटी पानी छाेड़ा था, मुंडेरी पुलिया तक ही पहुंचा, अब कह रहे पूरी नदी सूखने के कारण मंगलवार को दह तक पहुंचेगा पानी दीपक झा, एक्सईएन, पीएचईडी
संजय कॉलोनी निवासी महावीर सिंह का कहना है 5 दिनों से नल नहीं आ रहे हैं हैंडपंप भी खराब हैं पानी के लिए काफी दूर तक भटकना पड़ रहा है ।

सोनू का कहना है कि पीएचइडी के अधिकारी नल न आने की सूचना नहीं दे रहे हैं जब पीपाजी दह में पानी की कमी थी तो पहले से तैयारी करनी चाहिए थी ।
सुरेंद्र कुमार का कहना है कि पांच दिनों से पानी नहीं आ रहा है और शिकायत करते हैं तो भी कुछ नहीं हो रहा भीषण गर्मी में दूर दराज से पानी लाना पड़ रहा है ।
गंगा बाई का कहना है कि पानी नहीं आ रहा है पीने के पानी के लिए भी भटकना पड़ रहा है पीएचइडी के अधिकारी टैंकरों का इंतजाम भी नहीं कर पा रहे हैं ।

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