इंदौर में सिंधिया के स्वागत में लगे पोस्टरों में से भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला गायब – सिंधिया समर्थक और भाजपा नेता मोहन सेंगर ने लगवाएं हैं पोस्टर
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सिंधिया समर्थक और भाजपा नेता मोहन सेंगर ने छपवाए हैं ये पोस्टर और विज्ञापन, विजयवर्गीय और मेंदोला को जगह नहीं मिली
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के रमेश मेंदोला ने कांग्रेस के मोहन सेंगर को 70331 वोटों से हराया था
भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के इंदौर आने को लेकर उनके समर्थकों में उत्साह है। वह अपना उत्साह होर्डिंग, विज्ञापन और बैनर के जरिए दिखा भी रहे हैं, लेकिन एक ऐसे ही विज्ञापन और पोस्टर ने इंदौर में नई राजनीति के दर्शन भी करवाए हैं। इंदौर में 2 नंबर इलाका भाजपा का गढ़ कहा जाता है। लेकिन कांग्रेस से भाजपा में आए सिंधिया के समर्थक और नेता मोहन सेंगर द्वारा स्वागत में दिए गए विज्ञापन और लगाए गए पोस्टर में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला नदारद हैं। इसे लेकर अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा में तो आ गए, लेकिन अभी दिल मिलना बाकी है।
दौर विधानसभा क्रमांक – 2 भाजपा नेताओं के नाम से जाना जाता है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला के प्रति लोगों की जमकर दीवानगी है। वहीं, पिछले चुनाव में कांग्रेस को कुछ हद तक इस क्षेत्र में जीवित करने वाले सिंधिया समर्थक नेता मोहन सेंगर अब भाजपा में आ चुके हैं। सिंधिया की यात्रा को लेकर उनके द्वारा दिया गया एक विज्ञापन दो नंबरियों को बिल्कुल पसंद नहीं आया है। इसमें भाजपा के करीब-करीब सभी दिग्गज नेताओं के फोटो लगे हैं, लेकिन क्षेत्र के ही दो कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला इसमें से गायब हैं। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि जब खुद सिंधिया विधायक मेंदोला और विजयवर्गीय से मिलने आ रहे हैं तो फिर मोहन सेंगर द्वारा उनकी नजरअंदाजी क्यों…?
2018 के विस चुनाव में आमने-सामने थे मेंदोला और सेंगर
इंदौर-2 से 2018 के विस चुनाव में भाजपा के रमेश मेंदोला ने कांग्रेस के मोहन सेंगर को 70331 वोटों से हराया। यहां से 2013 में भाजपा के रमेश मेंदोला ने 91017 से जीत दर्ज की थी। इस बार भाजपा ने पहले यहां से दो लाख से अधिक वोटों से जीतने का दावा किया था। हालांकि कांग्रेस ने जब यहां से मोहन सेंगर को मैदान में उतारा तो भाजपा ने सामने तगड़ा उम्मीदवार देख यह कहना शुरू कर दिया कि इस बार एक लाख से अधिक वोटों से जीतेंगे। हालांकि मोहन सेंगर ने यहां से तगड़ा मुकाबला किया और भाजपा की 91 हजार की जीत को 70 हजार पर ला दिया था।
Kailash Vijayvargiya and Ramesh Mendola images are missing in welcoming posters of Scindia in Indore