दूसरों को रोशनी और नई जिंदगी दे गई इंदौर की नेहा, ब्रेन हेमरेज से पीड़ित थी लेकिन दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए कर गई अंग दान, ग्रीन कॉरिडोर बना ले गए दो किडनी और आंखें
इन्दौर – इन्दौर में डॉक्टरों द्वारा ब्रेन डेड घोषित होने चलते महिला के परिजनों की सहमति के बाद महिला के शरीर के अंगों को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए सफल ग्रीन ग्रीन कॉरिडोर प्रशासन व पुलिस की मदद से बनाया गया, 12 सितंबर को चोइथराम हॉस्पिटल में ईलाज के लिए भर्ती किया गया था।
इंदौर शहर स्वच्छता के साथ ही जरूरतमंदों को अंगदान मैं भी महादान कर देश दुनिया में बेहतर कार्य करता नजर आ रहा है इसी कड़ी में मानव कल्याण के भाव से पीड़ित परिवार द्वारा आगे आकर अंगदान महादान में अपना योगदान देने का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है, बता दें 12 सितंबर को से 30 वर्षीय श्रीमती नेहा चौधरी को चोइथराम हॉस्पिटल में बीमारी के चलते भर्ती कराया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया था जिसके चलते कई परीक्षणों के बाद ब्रेन डेड महिला के परिजनों अंग दान महादान में अपना योगदान देने के लिए आगे आया और जरूरतमंदों को उपलब्ध कराने की बात कही महिला के परिजनों का कहना है कि महिला शुरू से ही अंगदान को लेकर काफी अच्छी बात करार देती थी और उन्हीं की बात को याद रखते हुए उनके अंगों का दान किया गया है ताकि अन्य जरूरतमंद लोग उसका प्रयोग कर अपना खुशहाल जीवन जी सकें
पंकज चौधरी, परिजन
अभय भट, डिप्टी डायरेक्टर, मेडिकल सर्विसेज इन्दौर
ब्रेन डेड महिला काली व चोइथराम हॉस्पिटल एक किडनी सीएचएल हॉस्पिटल एक किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल में जरूरतमंद रोगियों को प्रत्यारोपित करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजी गई हैं इसी के साथ महिला की आंखें आई केयर सेंटर भेजी गई है ताकि अन्य रोगी के जीवन में उजाला फैलाया जा सके।