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चंबल पर राजस्थान का ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश का भी पूरा अधिकार है, राजस्थान ने 3900 की जगह 2500 क्यूसेक पानी ही छोड़ा, पूरे मामले की चल रही है उच्च स्तरीय चर्चा, मीडिया से बोले मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट

बाइट – तुलसी सिलावट,जलसंसाधन मंत्री

राजस्थान:- और मध्यप्रदेश के बीच  चंबल नदी के पानी को लेकर चल रहे विवाद को देखते हुए जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा है, कि पूरे मामले को लेकर उच्च स्तर पर चर्चा की जा रही है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी चर्चा की है और 10 फरवरी को उनकी केन्द्रिय जल संसाधन मंत्री से मुकालात भी होगी । चंबल के पानी पर जितना हक राजस्थान  का है उतना ही मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश का भी है । दरअसल, आप को बता दे कि राजस्थान ने मध्यप्रदेश के हिस्से के पानी में कटौती की है । क्योंकि चंबल नदी पानी में मध्यप्रदेश की 3900 क्यूसेक लीटर पानी की मांग है । लेकिन राजस्थान बैराज बांध से चंबल नदी की नहर में केवल 2500 क्यूसेक पानी ही छोड़ रहा है । और 1400 क्यूसेक पानी की कटौती की जा रही है । जिस पर मध्यप्रदेश सरकार ने कड़ी आपत्ती दर्ज कराते हुए राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश के हिस्से की पानी की मांग की है । जिस पर विवाद गहराता जा रहा है । चंबल नदी मध्यप्रदेश,राजस्थान और उत्तरप्रदेश से बहती हुई गंगा नदी में मिलती है । लेकिन राजस्थान के कोटा के पास बने  बैराज बांध से चंबल नदी की नहर में कम पानी छोड़ा जा रहा है।जिसकी वजह से मध्यप्रदेश के कई जिलों में सिचाई के लिए पानी की पूर्ती नहीं हो पा रही है ।

 

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