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Madhya Pradeshइंदौर

माफ़ कीजिये महाराज, आपको नहीं संभाल पा रहे शिवराज ! – डॉ सौरभ माथुर, चीफ़ एडिटर, एमडी – भारती न्यूज़

सिंधिया अपने समर्थकों के लिए मांगे गए मंत्री पदों में से एक भी कम करने को राज़ी नहीं तो मीडिया से बोले शिवराज – मंथन के बाद अमृत बंट जाता है और विश तो शिव ही पीते हैं

भाजपा प्रदेश प्रभारी विनय सहत्रबुद्धे आज मंत्रिमंडल के ने फार्मूले के साथ जाएंगे भोपाल, नए चेहरों के साथ वरिष्ठ विधायकों का एडजस्टमेंट भी

डॉ सौरभ माथुर, चीफ़ एडिटर, एमडी – भारती न्यूज़

भारतीय जनता पार्टी का पिछले विधानसभा चुनावों में नारा था कि ‘माफ करो महाराज हमारा नेता तो शिवराज’ लेकिन इन विधानसभा उपचुनावों में कहीं यह नारा ‘माफ करो महाराज आप को नहीं संभाल पा रहे शिवराज’ ना हो जाए क्योंकि फिलहाल की स्थिति में तो ऐसा लग रहा है की आगामी मंत्रिमंडल विस्तार मैं महाराज को राज़ी रखना शिवराज चौहान के हाथ से बाहर होता जा रहा है क्योंकि सिंधिया एक भी पद छोड़ने के मूड में नहीं है।

असल में हाईकमान ने शिवराज के दिए हुए नामों पर मोहर लगाने से इंकार कर दिया था जिसके बाद सूत्रों के अनुसार भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे मंत्रिमंडल गठन का नया फार्मूला लेकर भोपाल जाएंगे और फार्मूले के तहत नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है जबकि कुछ वरिष्ठ विधायकों को भी एडजस्ट कर सकते हैं।

नई कैबिनेट मैं मंत्रियों के नामों को लेकर जब मीडिया ने उनसे सवाल किया तब उस पर उन्होंने कहा कि जब भी मंथन होता है अमृत निकलता है अमृत तो बट जाता है लेकिन विश शिव ही पी जाते हैं, सूत्रों की माने तो शिवराज कैबिनेट में कुछ वरिष्ठ विधायकों को लाना चाहते थे जो उनकी पिछली सरकार में मंत्री रहे हैं जबकि पार्टी और संगठन नए लोगों को मौका देना चाहती है

इन सब को लेकर एक बात तो तय है की पार्टी में कोई न कोई खिचड़ी तो पक रही है क्योंकि शिवराज का शायराना अंदाज में किया गया एक ट्वीट भी इसी तरफ इशारा कर रहा है जिसमें उन्होंने एक शेर लिखा है

आए थे आप हम दर्द बनकर, रह गए केवल राहजन बनकर, पल पल राहजनी की इस कदर आपने कि आपकी यादें रह गईं दिलों में ज़ख्म बनकर।

इसी मामले में सूत्रों के मुताबिक अब पार्टी के प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे दोपहर में मंत्रिमंडल गठन का एक बिल्कुल नया फार्मूला लेकर भोपाल आ रहे हैं जिसमें मंत्रिमंडल में नए चेहरों के साथ वरिष्ठ विधायकों को भी शामिल करने का उल्लेख है। प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे वरिष्ठ विधायकों को पार्टी ऑफिस बुलाकर अकेले में चर्चा भी कर सकते हैं, अगर इस पर भी कोई सहमति नहीं बनती तो फिर शिवराज आज रात को फिर दिल्ली जा सकते हैं।

वहीं भारतीय जनता पार्टी कि सूत्रों का यह भी कहना है कि मंत्रिमंडल के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का मामला अभी भी नहीं सुलझा है जिसमें शिवराज गोपाल भार्गव को विधानसभा अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं लेकिन उस पर भी अभी तक सहमति नहीं बन पाएगा तो वहीं जो उप मुख्यमंत्री बनाए जाने के मामले पर अब तक पार्टी और शिवराज में तालमेल बैठता हुआ नहीं दिखाई दे रहा, इस मामले में भी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान ने सिंधिया खेमे से कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा उपमुख्यमंत्री बनाने का विकल्प प्रदेश के नेतृत्व को दिया है लेकिन इस पर भी अभी तक सहमति नहीं बन पाई है ।

सूत्रों का यह भी कहना है कि सिंधिया ने अपने समर्थकों के लिए मंत्री पद के जितने पद मांगे थे उसमें से वह एक भी कम करने के पक्ष में कतई नहीं है क्योंकि कांग्रेस से भाजपा में आए बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कसाना, हरदीप डांग और रणवीर जाटव को भी पार्टी मंत्री बनाने का भरोसा दे चुकी है और इसी प्रकार से निर्दलीय प्रदीप जायसवाल और बसपा के संजीव कुशवाहा को भी भरोसा दिया गया है इसीलिए कैबिनेट का आकार थोड़ा और बड़ा हो सकता है।

कल देर शाम तक मुख्यमंत्री प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री के बीच इस मुद्दे पर कई घंटों तक बातचीत होती रही।

बहरहाल अब देखना यह है कि सिंधिया को भाजपा में जोड़ने का हाईकमान ने कितना समझदारी का फैसला लिया है क्योंकि जहां भी दो बराबरी के पावर सेंटर होते हैं वहां स्थिरता का डर और खतरा दोनों ही बना रहता है।
सौरभ माथुर, चीफ़ एडिटर भारती न्यूज़।

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