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…आत्मनिर्भर : है वखत मुझमें इतनी कि तुझे सत्ता में शामिल करने का हुनर रखता हूँ

संसृति साहू

…आत्मनिर्भर…

है वखत मुझमें इतनी कि तुझे
सत्ता में शामिल करने का हुनर रखता हूँ

अपनी उंगलियों में सरकार बनाने मिटाने का और
कुर्सि का किस्सा बदलने कि ताकत रखता हूँ

इस देश का आम आदमी हूँ
हाँ…मैं आत्मनिर्भर हूँ

देखता हूँ गरीबी और मुफ़्लिसी के मन्ज़र हर दिन
बेबसी और तन्हायी के लगते हैं मेले पल पल यहां

बावजूद इसके हर रोज़ बिना पर्हेज़ के
अपनी तकदीर लिखने घर से निकल पड़ता हूँ

इस देश का आम आदमी हूँ
हाँ…मैं आत्मनिर्भर हूँ

हो कोई भी बाज़ी या हो चाल कोई
मैं ही वो पियादा जो क़ुर्बान होता हूँ

मुझसे ही सियासत का मज़ा
मुझको ही तानाशाहों की सज़ा

इस देश का आम आदमी हूँ
हाँ…मैं आत्मनिर्भर हूँ

एक बेमन्ज़िल रात के चीखते सन्नाटे से लड़कर अपनी
बसी बसायी दुनिया मुठठी में समेटने का दम रखता हूँ

बेखौफ़ इरादे बज़्म में और रोटी का पिटारा साथ लिए
चुपचाप चलते कदमों के छालों से मेरा देश नापता हूँ

इस देश का आम आदमी हूँ
हाँ…मैं आत्मनिर्भर हूँ

खामोशी की चादर ओढ़ी हो जब
देश के पत्थर दिल ठेकेदारो ने

देश चलाने वाले तब उम्मीद का दीया लिये
निकल पड़ते हैं रात के अँधेरे में

इस देश का आम आदमी हूँ
हाँ… मैं आत्मनिर्भर हूँ

रोज़ दो रोटी की लड़ाई में
हर सान्स जला देता हूँ

इसके अलावा भी होगी कोई ज़िन्दगी
कहां ये सोच पाता हूँ !!

इस देश का आम आदमी हूँ
हाँ… मैं आत्मनिर्भर हूँ

बस जुमलों की होती बरसात यहां
है हक़ीक़त की धूप सुलग़ती कहां?

मेरी ज़िन्दगी कब थी मेरी?
मेरी लौ पर हैं सेंकते सभी अपनी रोटीयाँ यहां

इस देश का आम आदमी हूँ
हाँ… मैं आत्म निर्भर हूँ

कुछ छीन लिया मेरा तो फ़िक्र नहीं
मुआवज़ा का पेन्तरा सालो से चला है

क्या कहूं कि जैसे सान्स सान्स मेरी
कोई ‘कोमपनसेशन’ का बहाना है

इस देश का आम आदमी हूँ
हाँ… मैं आत्मनिर्भर हूँ

कैसे समझाऊ अब कि कौन हूँ मैं
हमेशा से हूँ मौजूद फिर भी भ्रम हूँ मैं

सब्र का समंदर हूँ मैं
बिखरकर भी सिमट जाए वो नासूर हूँ मैं

वतन का ज़मीर हूँ मैं
बिकने से नामन्ज़ूर हूँ मैं

बेबुनियाद तरक्की के रास्ते में
सभी को खटकता शूल हूँ मैं

किस्मत से गरीब हूँ मैं
हालात से मजबूर हूँ मैं

सियासत के नाम पर जो हो फ़ना
दुनियादारी का ऐसा नापाक दस्तूर हूँ मैं

कहने को तो बस मजदूर हूँ मैं
मगर अब भी बेहद मगरूर हूँ मैं

इस देश का आम आदमी हूँ मैं
हाँ… आत्मनिर्भर हूँ मैं

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