पाकिस्तान से हिंदुस्तान आइ गीता के असली घर के बारे में मिले कुछ अहम सुराग, उसके द्वारा बनाई गई पेंटिंग से घर झारखंड में होने की संभावना है
इंदौर – 5 साल पहले पाकिस्तान से भारत लाई गई गीता अब सांकेतिक भाषा के जानकार के घर रह रही है ।इशारों ही इशारों में उससे पूछताछ की जा रही है । नदी , किनारे बने माता का मंदिर और रेलवे स्टेशन यह तीनों एक गांव में है जहां पर गन्ना और धान की खेती होती है उसके आधार पर गीता का घर मिलने की आखिरी उम्मीद पर काम शुरू हो गया है । गीता ने एक पेंटिंग बनाई है जिससे उसके शहर के बारे में बिहार या झारखंड में होने की संभावनाएं तलाश की जा रही है ।।
वर्ष 2003 में गीता ट्रेन में बैठकर पाकिस्तान पहुंच गई थी 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को उसकी जानकारी लगी तो उन्होंने पाकिस्तान से प्रयास कर उसके घर वापसी करवाई उसे इंदौर के संगठन में रखा गया लेकिन 5 साल में उसके घर का पता चल सका ना ही उसके माता-पिता मिले । यही चिंता उसे लगातार खाए जा रही थी ।जिला प्रशासन ने आखिरी संगठन से लेकर उसे सांकेतिक भाषा के जानकार ज्ञानेंद्र पुरोहित व मोनिका पुरोहित को सौंप दिया । पुरोहित दंपति ने उसे अपने घर पर बेटी की ही तरह रख रहे है । इशारों इशारों में प्रयास किया जा रहा है कि वह उन्हें अपने घर का पता बता सके कहीं अहम जानकारी गीता ने दी है । जिसमें उसने बताया कि उसके गांव में नदी है जिस पर घाट बना है चढ़कर जाने का मंदिर है जिसमें बड़ी आकृति वाली माताजी है गांव में ही रेलवे स्टेशन है गन्ना व धान की खेती होती है । कंडे में नीम का धुआं उसी क्षेत्र में किया जाता रहा है । सारा इशारा बिहार की ओर जा रहा है । गीता ने यह सब जानकारी स्केच बनाकर साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट ज्ञानेंद्र पुरोहित को दी है जब इस बारे में जानकारी निकाली गई तो बिहार को झारखंड का क्षेत्र गीता की पेंटिंग से मिलता जुलता लग रहा है इसको लेकर बिहार मुख्य विकलांग आयोग से भी इस संबंध में बात की गई है उन्होंने भी पूरा सहयोग करने को कहा है वहीं अब पुरोहित दंपति इंदौर पुलिस से बिहार जाने के लिए सिपाहियों के दल की मांग भी कर रहे हैं ।
बाईट – ज्ञानेंद्र पुरोहित – डायरेक्टर – आनंद मूकबधिर संस्थान
Some important clues found about the real house of Geeta returned from Pakistan