ख़ुद मंत्री ने ही उड़ा दी लॉक डाउन की धज्जियां, साथ दिया सैंकड़ों अफसरों ने, गुड्डू की आक्रामकता देख तुलसी सिलावट पहुंचे सांवेर की जनता के बीच और पीछे पीछे करीब दो दर्जन अधिकारियों की गाडियां, भीड़ जमा, सोशल डिस्तेंसिंग की धज्जियां
इंदौर : सैंया भए कोतवाल तो फिर डर काहे का..ऐसा ही कुछ नजारा आज-कल मध्यप्रदेश का है।
नियम कानून तो आम आदमियों के लिए है, भला सरकार के लिए थोड़ी ना है। सरकार तो खुद सरकार है, उनका कोई थोड़ी ना माई बाप है।
प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट लगे उपचुनाव की तैयारी में,भूल गए लॉक डाउन का नियम।
चुनावी तैयारी में इस कदर मशगूल हो गए मंत्री सहाब कर बैठे ग्रामीण लोगों के जान के साथ खिलवाड़।
अगर मंत्री जी ने आपके कंधे के ऊपर हाथ रख दिया मुस्करा दिया और आपका नाम पुकार हालचाल पूछ लें तो बस फिर क्या, गांव के छूटवईए नेता भी कहाँ मानने वाले शासन-प्रशाशन के लॉक डाउन नियम को..वो भी साथ चल दिए
मंत्री तुलसी सिलावट कांग्रेस से साँवेर विधानसभा से चुनाव लड़ जीते और कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी बने। ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे खास लोगों में से एक है तुलसी।उनके साथ इन्होंने भी भारतीय जनता पार्टी को जॉइन कर लिया था। आने वाले वक्त में साँवेर से ही चुनाव लड़ना है तुलसी सिलावट को।
पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू कांग्रेस विधानसभा चुनाव के वक़्त भाजपा में शामिल हुए थे और चुनाव हार भी गए। उपचुनाव के पहले भाजपा जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया और भाजपा के खिलाफ बगावत भी शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से साँवेर में जमे हुए है और तुलसी के खिलाफ अपना कैंपेन भी शुरू कर चुके। बस मंत्री तुलसी को इसी डर ने लॉक डाउन का उंलंघन करने पर मजबूर कर दिया कि कहीं उनके वोट बैंक में गुड्डू सेंध मारने में कामयाब न हो जाए।
इंदौर मध्यप्रदेश के इस शहर को मिनी मुम्बई और देश का सबसे स्वछ शहर के नाम से इसकी पहचान बन चुकी हैं, लेकिन वैश्विक महामारी के इस दौर में भी इस शहर का नाम उन पांच शहरों में शुमार है, जहाँ पर कोरोना से संक्रमित केस सबसे ज्यादा हैं। तीन हजार के लगभग करीब और 100 से अधिक लोगों अपनी जान गवा बैठे है।