पिछले 11 साल से हो रहा है इस हनुमान मंदिर में अखंड रामायण का पाठ, देपालपुर का खेड़ापति हनुमान मंदिर अपनी कई सिद्धियों के लिए विश्व भर में है प्रसिद्ध
लगातार 11 साल सेगिरोता के खेड़ापति हनुमान मंदिर पर सावन में होता हैअखंड रामायण पाठ
देपालपुर- समीपस्थ ग्राम गिरोता में इन दिनों खेड़ा पति हनुमान मंदिर पर अखंड रामायण की चौपाइयां गूंज रहीं है। खासबात यह है कि रामायण पाठ में बुजुर्ग हो या युवा सभी हिस्सा लेते हैं। पाठ के लिए आयोजन शुरू होने से पहले सभी का समय निश्चित कर दिया जाता है। हर व्यक्ति को एक घंटे का पाठ करना होता है। यानि 24 घंटे में 24 लोग तयकर मिल कर पाठ करते हैं। लगतार 11साल से पाठ की यह परंपरा चली आ रही है। सावन पूर्णिमा को पाठ के समापन के बाद भंडारे का आयोजन किया जाता हैं।किंतु इस बार कोरोना महामारी के चलते भण्डारे का आयोजन नही होगा।
हनुमान मंदिर पर आमतौर पर भक्तों द्वारा 24 घंटे का अखंड रामायण पाठ अपनी श्रद्धा के अनुसार कराया जाता था। मंदिर से जुड़े श्रद्धालुओं के साथ गांव के लोगों ने पूरे सावन माह में मंदिर पर अखंड रामायण पाठ के आयोजन की रूप रेखा तैयार की। गाँव के बुजुर्गों के साथ युवा भी इसके लिए तैयार हो गए। तय किया गया कि मंदिर से जुड़े भक्त स्वयं पाठ करेंगे। सभी ने मिल कर 2010 में सावन के पहले दिन से पाठ का आयोजन शुरू कर दिया। एक माह तक पाठ के बाद विधिवत रूप से समापन के साथ भंडारे का आयोजन किया गया।
धर्म
11 साल से सावन के महीने में गिरोता के हनुमान मंदिर पर क्षेत्र के लोग मिलकर करते हैं रामायण का अखंड पाठ
बना रहता है भाईचारा
बुजुर्गों का कहना है कि इस प्रकार के आयोजन होने से गांव में भाईचारा बना रहता है। सभी लोग मिलजुल कर रहे, इसी कामना के साथ यह आयोजन शुरू किया गया था। जो 11 साल से निरंतर चल रहा हैं।
सभी को पाठ का मौका
हर साल सावन माह में पाठ शुरू होने से पहले मंदिर के श्रद्धालुओं के साथ गाँव के ऐसे लोगों की सूची तैयार कर ली जाती है जो पाठ में हिस्सा लेना चाहते हैं। पाठ करने वाले लोगों को उनकी सुविधा के अनुसार पाठ करने का समय दिया जाता है। तय समय पर पाठ करने के लिए लोग स्व प्रेरणा से पहुंच कर पाठ करते हैं। खासबात यह है कि पाठ करने वालों में बुजुर्ग भी शामिल रहते हैं। खर्च भी मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं द्वारा उठाया जाता हैं।
मंदिर के पुजारी महेशचन्द्र शर्मा है।