Chattisgarh
मुगलों से लोहा लेने वाली एक और रानी, छत्तीसगढ़ की रानी दुर्गावती को दी श्रदधांजलि
गोहरपदर रानी दुर्गावती चौक में वीरांगना गढ़मंडला के रानी दुर्गावती का श्रद्धा सुमन किया गया उसके बाद अपने अपने समयानुसार झाखरपारा, देवभोग, भेजीपदर, अमलीपदर, ध्रुवागुड़ी, हीराबतर तथा फिंगेश्वर में वीरांगना महारानी दुर्गावती का 456 वीं शहादत दिवस मनाते हुए अमर शहीदों के बलिदान को याद किया गया।
विवाह के चार वर्ष बाद ही राजा दलपतशाह का निधन हो गया। उस समय दुर्गावती की गोद में तीन वर्षीय वीरनारायण सिंह ही था। अतः रानी ने स्वयं ही गढ़मंडला का शासन संभाल लिया। जिस तरह से रानी ने मुगल शासकों से युद्ध में लोहा लिया था रानी की तरह की आज नारी जातियों को भी ऐसे वीरांगना बनने की आवश्यकता है। रानी दुर्गावती से हमारे समाज को बहुत बड़ा प्रेरणा मिला है।
Tribute to rani Durgavati of Chhattisgarh