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भरतपुर ज़िले के पहाड़ी में 4000 टीडीएस का पानी सप्लाई कर रहा जलदाय, जानवर तक नहीं पी रहे, नहाने पर हो रहे चर्म रोग, क्षेत्र के लोगों के उपखंड कार्यालय में किया प्रदर्शन, बोले हफ्ते में दो बार पानी देते हो और वह भी किसी काम का नहीं

 

कस्बे में जलदाय विभाग द्वारा गत दिनों से सप्लाई में खारे पानी की सप्लाई की जा रही है, जिस पानी को इंसान तो बहुत दूर की बात पक्षी और पशु भी नही पी सकते है। जिसको लेकर कस्बे की महिलाओं ने उपखण्ड कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी ,संजय गोयल, को ज्ञापन सौपा ।

गर्मी का मौसम शुरू होते ही कस्बे में पीने के पानी की समस्या गहरा गई है जलदाय विभाग द्वारा पानी की सप्लाई में खारा पानी दिया जा रहा है ।

वो भी सप्ताह में दो बार दिया जा रहा है। कस्बे की महिलाओं ने बताया कि सप्लाई में खारा पानी दिया जा रहा है जो इंसानों को पीने के योग्य मानकर दिया जा रहा है ।

जबकि हकीकत कुछ और ही बयान करती है जिस पानी को सप्लाई में दिया जा रहा है उस पानी को इंसान तो बहुत दूर की बात है पशु ओर पक्षी भी नही पीते है। सप्लाई के पानी से नहाने पर इंसानों के चर्म रोग होने शुरू हो चुके है ।

इस पानी से जनता में खुजली होना शुरू हो गया है कस्बे की महिलाओं ने मांग की अभी जलदाय विभाग द्वारा जो जलदाय ऑफिस पर बोर लगाया गया है उसका पानी कड़वा है उसको तुरन्त बंद किया जावे और जलदाय विभाग के पास पुराना कुआ है जिसको कुछ लोगों द्वारा बंद कर दिया गया है उस कुएं को तुरन्त प्रभाव से खुलवाया जावे ।

जिसको लेकर उपखण्ड अधिकारी संजय गोयल द्वारा तुरन्त जलदाय विभाग के अधिकारियों को बुलाकर पानी की समस्या से ग्रामवासियों को निजात दिलाने के लिए तलब किया गया है ।

उन्होंने ज्ञापन में पानी की समस्या शीघ्र हल नही होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। इस अवसर पर भोला पहलवान, अशोक त्रिगुणायत, रामदुलारी, मिथलेश सैनी, मुन्नी सेन, सन्तो, सन्ता, निर्मला सहित दर्जनों महिलाएं मौजूद थी ।

ज्यादा टीडीएस से क्या पड़ते है शरीर पर कुप्रभाव
लोगों को ज्यादा टीडीएस युक्त पानी पीने से मानव शरीर पर तरह-तरह के कुप्रभाव पड़ते है जिनके बारे में हर किसी को नही पता होता है। इस संबंध में ब्लॉक चिकित्सा प्रभारी नगर
,मयंक शर्मा, से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि मानव को स्वस्थ्य रहने के लिए 300 टीडीएस का पानी पीने योग्य ही माना गया है ।

इससे अधिक टीडीएस का पानी के सेवन करने के मनुष्य के जीवन पर कुप्रभाव पड़ते है जिससे मानव शरीर मे दांतों का पीला पड़ना, शरीर के जोड़ों में दर्द होना, शरीर मे खाज खुजली होना , आँखों मे जलन होना, बाल झड़ना, पेट की खराबी सम्बन्धी रोग पैदा होना, किडनी में पथरी होना, उल्टी दस्त, बुखार होना, शरीर मे घबराहट पैदा होना ओर मानव शरीर के हड्डियों पर सबसे ज्यादा कुप्रभाव होता है जो आजकल अधिकांश लोगों में पाया जा रहा है ।
क्या है टीडीएस
टीडीएस का मतलब है कि ( टोटल डिजालड सॉलिड ) यानि पानी मे घुले हुए सूक्ष्म पदार्थ इनमें सोडियम क्लोराइड, आयरन, क्लोराइड, केल्शियम, नाइट्रेट जैसे पदार्थ होते है ये पदार्थ मानव जीवन के शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले है।
दिलाने के लिए तलब किया गया है। उन्होंने ज्ञापन में पानी की समस्या शीघ्र हल नही होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। इस अवसर पर भोला पहलवान, अशोक त्रिगुणायत, रामदुलारी, मिथलेश सैनी, मुन्नी सेन, सन्तो, सन्ता, निर्मला सहित दर्जनों महिलाएं मौजूद थी।
एसडीएम कार्यालय पर बोतल में पानी भरकर लाईं महिलाएं…
अधिकारियों को दिखाने के लिए बोतल में पानी भरकर लाईं महिलाएं। जलदाय विभाग द्वारा लोगों को पीने के लिए किए जा रहे पानी की सप्लाई का टीडीएस करीब 4000 माना जा रहा है ।

जबकि सरकार के अनुसार आमजनता को 1500 टीडीएस का पानी सप्लाई किया जाना होता है मगर जलदाय विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण जनता को दुगने टीडीएस से भी ज्यादा का पानी दिया जा रहा है जिसके उपयोग करने से आमजनता के स्वास्थ्य पर भी कुप्रभाव पड़ रहा है, जिसके लिए कोई जिम्मेदारी महसूस नही कर रहा है ।
पहाड़ी. खारे पानी की सप्लाई को लेकर उपखण्ड कार्यालय पर प्रदर्शन करती महिलाएं।

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