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CrimeMadhya Pradesh

इंदौर पुलिस के एडवाइजरी छापे में कई चौंकाने वाले खुलासे : लड़कियों की फ़र्ज़ी फेसबुक आईडी से लेते थे लोगों के नंबर, फ़र्ज़ी दस्तावेज़ से डीमैट अकाउंट खोल ख़ुद ही कर लेते थे लेनदेन , अब तक 7 लाख लोगों को किये ठगी के लिए कॉल

एसपी इंदौर पूर्व : युसूफ कुरेशी

इंदौर -इन्दौर पुलिस की एडवायजरी के खिलाफ बडी कार्यवाही देश  केे रक्षक से 23 लाख ठगने वाली एडवायजरी कंपनी के 300 कर्मचारियो के फर्जी काल सेंटर पर पुलिस की कार्यवाही प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू कार्यालय मे पूछताछ जारी ,जाॅच के दौरान निम्न तथ्य प्रकाष मे आये है  :

ऽ टेलीफोन पर झाॅसा देकर एडवायजरी के नाम पर धोखाधडी से हडपी रकम
ऽ टेªड इंडिया रिसर्च के खिलाफ धोखाधडी और अन्य धाराओ मे मामला दर्ज
ऽ 300 कर्मचारियो वाली का बनाया काॅल सेंटर
ऽ 7 लाख से अधिक नागरिको को किया ठगी के लिये काॅल
ऽ 26 हजार से अधिक क्लाइट बने ठगी के षिकार
ऽ 25 लााख लोगो का टेलीफोन नम्बर डेटा किया कलेक्ट
ऽ डेटा कलेक्ट करने के लिये बनाई फर्जी सोषन मिडिया प्रोफाईले।
ऽ फेसबुक लिकंडिन जी प्लस गूगल प्लस के माध्यम से बनाई पेठ।
ऽ फर्जी फेसबुक बनाई लडकियो के नाम से।

भारतीय सैनिक के साथ की 23 लाख की धोखाधडी
टेलीफोन पर झाॅसा देकर एडवायजरी के नाम पर धोखाधडी से हडपी रकम
टेªड इंडिया रिसर्च के खिलाफ धोखाधडी और अन्य धाराओ मे मामला दर्ज
300 कर्मचारियो वाली का बनाया काॅल सेंटर
7 लाख से अधिक नागरिको को किया ठगी के लिये काॅल
26 हजार से अधिक क्लाइट बने ठगी के षिकार

फरियादी राजेन्द्र सिह जो कि जम्मू कष्मीर के निवासी है कि द्वारा षिकायत पर से ट्रेड इंडिया रिसर्च, पता 301 तृतीय मंजिल मंगल सिटी, विजयनगर इन्दौर द्वारा शेयर ट्रेडिग कर दो गुना लाभ दिलवाने के नाम पर 23,66,000 हजार रूपये की ठगी एंव धोखधडी किये जाने पर थाना विजय नगर मे ठगी का प्रकरण पंजीबद्व किया गया।

पुलिस महानिदेषक इन्दौर झोन श्री वरूण कपूर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इन्दौर श्रीमति रूचि वर्धन मिश्रा व पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री मो युसुफ कुरैषी के र्मादर्षन मे व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री शैलेन्द्र चैहान के निर्देषन मे एस आई टी टीम व थाना विजयनगर के द्वारा उक्त कार्यवाही की जा रही है।

प्रार्थी राजेन्द्र सिह पिता स्व. रोशनलालजी निवासी ग्राम सईकला, तह आरएसपुरा जिला जम्मू(जम्मू एंव काश्मीर) द्वारा षिकायत की गई:-

प्रार्थी को ट्रेड इंयिा रिसर्च कंपनी के कर्मचारियो द्वारा फ्री ट्रायल काॅल कर संपर्क किया गया था मुझे आश्ंाका है मेरे मोबाईल नम्बर का डाटा कंपनी ने अनाधिकृत रूप से चोरी से प्राप्त किया मुझे फर्जी कर्मचारी बन कर काॅल किये गये उन नम्बरो की जानकारी कंपनी के कस्टमर काॅलर डेटा से प्राप्त की जा सकती है। कंपनी द्वारा मोबाईल नम्बरो के माध्यम से अपनी पहचान छुपाते हुए अपने को एडवायजरी कंपनी बताते हुए मात्र एडवायजरी हेतू संपर्क किया गया था परन्तु बाद मे मुझे डरा धमका कर और धोखे से निवेश के नाम पर मेरे रूपये हडप लिये। इसके पश्चात कपंनी द्वारा पहली बार मे ही मुझसे सलाह के नाम पर रूपयो की मांग की गई। मेरे द्वारा रूपया जमा करवाने के पश्चात हर बार मुझसे खाते मे रूपया जमा करवाया जाता रहा है और कुल 23,66,000 हजार रूपये लेकर कोई लाभ नही दिया गया।
जब मैने अपने रूपयो की माॅग की तो हर बार शेयर ट्रेडिग कर दुगना लाभ दिलवाने का अश्वासन दिया और रूपये जमा कराते रहे।

कंपनी ने मेरे आधार और पेन कार्ड के जरिये मेरे बिना जानकारी के मेरे नाम से फर्जी के.वाय.सी मेरे दस्तावेजो का दुरूपयोग कर मेरे फर्जी हस्ताक्षर करके किया गया है।
ट्रेड इंडिया रिसर्च कंपनी रूपया वापस करने के नाम पर मेरी पत्नि के दस्तावेज लेकर मेरे पत्नि के नाम पर फर्जी खाता खोलकर के.वाय.सी बनाया गया है और मेरी पत्नि के नाम पर डिमेट खाता खोलकर उसका मनमाने रूप से अपने लाभ के लिये स्वयं कपनी के द्वारा ही मेरे खाते का आईडी व पासवर्ड का इस्तमाल व संचालन मेरी व मेरी पत्नि की अनुमति के बगैर किया गया है। इसकी जानकारी कंपनी के कम्पयुटरो से प्राप्त की जा सकती है। कंपनी द्वारा नियम विरूद्व निश्चित लाभ दिलवाने का आशवाशन दिया गया था जबकि ऐसा करना संभव नही है और यह नियम के विरूद्व है, यह बात भी कंपनी द्वारा मुझसे छुपाई गई और मुझे झुठा आश्वासन देकर मुझसे रूपया प्राप्त किया गया है।

कंपनी के द्वारा मुझ प्रार्थी से संपर्क करने के पूर्व मेरी क्षमता एंव जोखिम रूप रेखा के संबध मे किसी प्रकार की जाॅच नही की गई और बिना जाॅच किये ही टेªडिंग के नाम पर रूपया लिया गया है। कंपनी के द्वारा सेबी के सभी नियमो का उल्लघंन करते हुए उक्त कार्य किया गया है जिस संबध मे मेरे द्वारा नियम संबधी विवरणिका इस आवेदन के साथ संलग्न की गई है,। कंपनी के द्वारा मुझ प्रार्थी के साथ धोखधडी करते हुए 23,66,000 हजार रूपयो की ठगी व धोखधडी की गई है, मेरे दस्तावेजो का दुरूपयोग कर मेरी व मेरी पत्नि के फर्जी हस्ताक्षर बना कर कूूटरचना की गई एंव मुझे आर्थिक नुकसान पहुचाया गया है।

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