इंदौर बीजेपी में अंतरकलह जितना छुपाओ उतना उभर रहा है
इंदौर बीजेपी में खींचतान लाख छुपाए नही छुप रही।* 8 बार की सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन का तूफानी जनसम्पर्क चुनाव की तारीख घोसित होते ही शुरू हो चुका था। टिकट घोसित होते होते तकरीबन पूरे नगर और ग्रामीण क्षेत्रो का दौरा कार्यक्रम चल रहा था। सभी नेताओं के साथ श्रीमती सुमित्रा महाजन भी अपनी दावेदारी के प्रति पूर्ण विश्वास के साथ प्रचार कर रही थी। विधायक रमेश मेंदोला व नगर अध्यक्ष गोपी नीमा भी पूरे जोश में नजर आ रहे थे हालांकि दोनों की उम्मीदें कुछ और ही थी। इंदौर नगर की सभी विधानसभाओ में ताईं के समर्थन में भीड़ उमड़ रही थी।
लेकिन शंकर लालवनी किसी कार्यक्रम में नजर नही आये। और फिर जैसे ही इंदौर लोकसभा से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में शंकर ललवानी के नाम की घोषणा हुई। ताईं सहित इन्दोरी नेता जो अपनी दावेदारी में घुंगरू बांधे घूम रहे थे सबके पैरों तले जमीन खिसक गई। दिखावे को ऊपरी मन से सभी ने संघटन के निर्णय का स्वागत किया। ताईं भी शुरुवात में शंकर ललवानी के साथ नजर आयी।लेकिन फिर धीरे धीरे शंकर अकेले पढ़ गए। दिल्ली लोकसभा के कार्यक्रम से आने के बाद श्रीमती सुमित्रा महाजन ने पूरी तरह लोकसभा के कार्यक्रमो से दूरी बना ली।
आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की सभा के भूमि पूजन कार्यक्रम में ताईं नही आई। नगर अध्यक्ष गोपी नीमा ताई की अनुपस्तिथि के सवाल पर बहाने बनाते दिखे। विधानसभा चुनाव में इंदौर विधानसभा 1 में पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के साथ जो हुआ। वही परिदृश्य लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता शंकर ललवानी के साथ दोहरा सकते है। सिर्फ सिंधी वोट ओर मोदीजी का नाम जीत के लिए पर्याप्त नजर नही आता। अशोक रघुवंशी इंदौर।