इंदौर में के जिला अस्पताल के बाहर एक एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसको देखकर मध्यप्रदेसग की स्वास्थ्य सेवाओं पर फिर से सवाल खड़े हुए
देश और प्रदेश सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। लेकिन यदि बात करे तो महिलाओं से सम्बन्धित जितनी भी योजनाए अभी तक आयी है वह अभी तक धरातल पर नही आई है ऐसा ही एक मामला सामने आया इंदौर के जिला अस्पताल में , इंदौर में के जिला अस्पताल के बाहर एक एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसको देखकर मध्यप्रदेसग की स्वास्थ्य सेवाओं पर फिर से सवाल खड़े हुए , दर्द से कहराती महिला एक घण्टे से अधिक तक सड़क पर लेटी इलाज की आस लगाए रही है। और यह तस्वीर इंदौर के जिला अस्पताल की , जी हां इंदौर जिला अस्पताल के काया कल्प का काम चल है जिसके कारण जिला अस्पताल की जितनी भी सुविधाए है उन्हें जिला अस्पताल में बने रेन बसेरे में ही शिफ्ट किया गया है जहाँ पर डिलेवरी के लिए आने वाली महिलाओं का इलाज किया जाता है।ऐसी ही एक महिला को परिजन सुबह डिलेवरी के लिए जिला अस्पतला लेकर आये लेकिन वहां तैनात नर्स ने उन्हें रखने से मना कर दिया जिसके बाद दर्द से परेशान महिला वही सड़क पर लेट गई, वही परिजन लगातार मदद की उम्मीद में अधिकारियों और अन्य से सम्पर्क करते रहे , बताया जा रहा है महिला को परिजन तेज दर्द आने के कारण सुबह जल्दी हॉस्पिटल लेकर आ गए लेकिन हॉस्पिटल में डॉक्टर नही होने के कारण नर्स ने उन्हें हॉस्पिटल में दाखिल करने से मना कर दिया जिसके बाद महिला अस्पताल के बाहर ही रोड पर लेट गई , फिलहल महिला के परिजन दर्द से कहराती महिला को एमवाय ले जाने की तैयारी में जुट गए।दर्द से कहराती महिला का नाम मीरा है और वह इंदौर के अन्नपूर्णा रोड की रहने वाली है। परिजनों के पास इतने पैसे नही थे कि वह महिला की डिलेवरी प्रायवेट हॉस्पिटल में करवा सके , लेकिन जब सरकारी हॉस्पिटल में लेकर आये तो यहां पर उन्हें जो दर्द सहन करना पड़ा उसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।लेकिन जिस तरह से यह तस्वीर सामने आई है उसे निश्चत तौर पर प्रदेश और केंद्र सरकार की महिलाओं के उत्थान की योजना ठकोसला साबित होती नजर आ रही है।
सुभाष , परिजन