एनआरआई के घर किरायदार ने कब्ज़ा करने की कोशिश की ,सीएम कमलनाथ को ट्वीट करा की आपके मंत्री प्रियवर्त सिंह द्वारा समर्थित कर रहा है कब्ज़ा, 5 घंटे में कार्यवाही हुई तो इंदौर पुलिस रेंज के वरिष्ठ अधिकारीयों की फुर्ती की तारीफ़ की
मंत्री प्रियवर्त सिंह ने ट्वीट कर कहा की मेरा कोई लेनादेना नहीं
बाइट्स : मकान मालिक मनोज वर्घेस, किरायदार शिवराज सिंह लिमदी
इंदौर। पलासिया थाना इलाके के पॉश कॉलोनी साकेत इलाके में रहने वाले मनोज वर्गिस कुछ समय पहले व्यापार हेतु विदेश रहने चले गए थे और उनका मकान किराये से उठा दिया था, किराए से रहने वाले शिवराज ने इकरार कर मकान किराये से लिया और तय समय के बाद खाली कर दिया लेकिन अचानक फिर मकान में रहने पहुँच गए।
मनोज के अनुसार किरायेदार मकान खाली नहीं कर रहा था जिसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों को की गई साथ ही मनोज ने अपनी पीड़ा ब्यान करते हुए ट्वीट कर दिया।
ट्वीट होते ही सीएम हाउस से संज्ञान लेते हुए मामले में पुलिस अधिकारियो को जांच के दिए आदेश दिए , कुछ ही मिनट के बाद एक एक करते हुए सभी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पलासिया थाने पहुँच गये और दोनों ही पक्षों को समझाने में जुट गए ,कई घंटे तक थाने पर दोनों पक्ष ने आमने सामने बात की हालंकि पुलिस ने मामले को हस्तक्षेप योग्य न मानते हुए दोनों पक्ष के बीच सामंजस्य से समझौता करवा दिया हालाँकि इसके बाद फरियादी बने अप्रवासी भारतीय मनोज वर्गीस के भी स्वर बदल गए वह एक मत हो गए।
हालंकि बिना किसी पुलिस की कार्यवाही के कब्जाधारी शिवराज ने 15 दिनों में मकान खाली करने की बात लिखित में एक खाली कागज पर दे दी और यही लिखावट मकान मालिक और कब्जाधारी के लिए समझौते का कारण बन गया।
ट्वीट में मंत्री प्रियव्रत सिंह का नाम आते ही सीएम हॉउस से उन तक बात बहुचीं और तुरनत उन्होंने खुद ट्वीट कर कहा की मेरा कोई लेनादेना नहीं हैं हालाँकि उसी ट्विटर थ्रेड पर उनका एक समर्थक अपने आप को पत्रकार बताते हुए धमकाने वाले लहज़े में मनोज वर्घीस को ट्वीट किया की आप मंत्री का नाम लेने के बाद फोन पर कुछ नहीं बता रहे हो जबकि पलासिआ थाने में उन्होंने मौजूद मीडिया को विस्तार से बाइट देते हुए पूरी बात बताई।
अंत में एनआरआई ने सीएम को ट्वीट करते हुए इंदौर पुलिस के एडीजी , एसएसपी और एसपी पूर्व की प्रशंसा की।