कोई ख़ास जादू नहीं कर पाए सिब्बल , याचिका में करने होंगे संशोधन , मीडिया को कवरेज न करने की दलील भी उल्टी पड़ गयी
इंदौर। न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विवेक रूसिया की युगल पीठ के समक्ष आज लगभग 4 घन्टे हुयी दोनो पक्षो में बहस।
खचाखच भरे न्यायालय कक्ष में सीनियर वकील कपिल सिब्बल और सीबीडीटी के एसएसजी संजय जैन ने रखी दलीले।
कक्कड़ के पक्ष में सिब्बल ने माना कि उनकी याचिका में कई बिंदु नही है शामिल।
अदालत ने सीबीडीटी के वकील की सहमति से कक्कड़ पक्ष को याचिका संसोधित आवेदन प्रस्तुत करने हेतु सोमवार यानी आगामी 15 अप्रैल तक का समय दिया।
एक और खास बात सिब्बल बोले साहब आयकर का छापा पढ़वाकर राजनीतिक विरोधी हमे बदनाम कर रहे है। चुकी हम पूरी तरह दूध को धुले है कि नही ये साबित होने शेष है लिहाजा जब तक तय न हो जाये जब तक मीडिया पर पाबंदी लगाइये। इस सनसनीखेज रिपोर्टिंग से हमे निजाद दिलवाइये,
सीबीडीटी के अधिवक्ता मामले को समझने और लपकने में बगैर देर किये बोले।
साहब सनसनी के आरोप लगाकर मीडिया पर पाबंदी लगाना कहा का न्याय है।
जिस पर जज साहब बोले बात तो सही है, छापो भाईलोग जो चाहो छापो ,अनुभव के आधार पर एक बात कुल 4 घन्टे की कोर्ट में उठापटक के बाद तय हुआ कक्कड़ संसोधित याचिका आवेदन पेश करे, तब समझेंगे आगे क्या करना है।