घाटे में डूबी BSNL को बंद करने पर विचार, 67,000 कर्मचारियों पर गिरेगी गाज
नई दिल्ली। लगातार वित्तीय घाटे (Financial losses) से जूझ रही सरकारी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को बंद करने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) ने वित्त वर्ष 2017-18 के अंत तक कुल घाटा 31,287 करोड़ तक पहुंचने के बाद कंपनी के शीर्ष अधिकारियों की केंद्रीय दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन के साथ बैठक में इस बात के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि अगर कंपनी बंद की जाती है तो कंपनी में कार्यरत 67,000 कर्मचारियों (Employees) पर गाज गिर सकती है।
सेवानिवृत्ति की उम्र में भी किया जा सकता है बदलाव
वीआरएस के संबंध में कंपनी ने कहा है कि वह इसके लिए 56-60 साल की उम्र वाले कर्मचारियों को टार्गेट करेगी, जिससे 67,000 कर्मी इसके दायरे में आ जाएंगे। कंपनी द्वारा बताया गया कि अगर इनमें से 50 फीसदी कर्मचारियों (33,846) को वीआरएस (VRS) दिया जाता है, तो इससे वेतन मद में 3,000 करोड़ रुपए की बचत होगी। विभिन्न मदों में अनुग्रह राशि 6,900 करोड़ रुपए से 6,300 करोड़ रुपए होगी। बता दें कि इसके अलावा बीएसएनल का कहना है कि प्रतिस्पर्धा के अलावा, कंपनी के लिए सबसे बड़ी मुसीबत भारी संख्या में उसके कर्मचारी हैं। कंपनी द्वारा बैठक के दौरान कर्मियों की संख्या घटाने के लिए उसने वीआरएस या सेवानिवृत्ति (Retirement) की उम्र 60 साल से घटाकर 58 साल करने की बात कही है। हालांकि इन सब के अलावा कंपनी को मोनेटाइजेशन और विनिवेश के साथ कंपनी बंद करने का भी विकल्प दिया गया है।