छोटे व्यापारियों पर जीएसटी वसूली का दबाव व राज्य सरकार को पेट्रोल डीज़ल पर वैट बढ़ाने की एकतरफा रिपोर्ट बनी आयुक्त डीपी आहूजा को मात्र नौ माह में हटाने का कारण
इंदौर में पदस्थ वाणिज्य कर आयुक्त डीपी अहूजा कि मात्र 9 महीने में विदाई को लेकर पूरे विभाग में अलग-अलग चर्चाएं चल पड़ी है जिसमें दो से तीन थ्योरी सबसे ज्यादा चर्चा का विषय है।
इसमें प्रमुख रूप से अपनी मर्जी के मुताबिक किए गए तबादले उनकी मंत्रिमंडल से नाराजगी का मुख्य कारण बनी। साथ ही हाल ही में हुए एक और खुलासे ने यह बताया कि पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाने के मामले में आहूजा ने सरकार को सिर्फ एक तरफा रिपोर्ट दी जिसमें प्रदेश में वैट बढ़ाने से आय का ही जिक्र करा लेकिन यह नहीं बताया कि यदि प्रदेश में पेट्रोल और डीजल महंगा हो जाएगा तो उसकी खपत पर इसका विपरीत असर पड़ेगा क्योंकि लोग प्रदेश से सटे हुए राज्यों से पेट्रोल डीजल खरीदने लगेंगे क्योंकि ऐसा पहले भी हो चुका है।
इसके अलावा आहूजा की अपने नोडल अधिकारियों से भी कुछ खास नहीं बनी जिसके तहत वह उनके भी ट्रांसफर करते रहे , इतना ही नहीं उन्होंने अपने इन्वेजन विंग को खुली छूट दे रखी थी जिसके तहत ट्रक ऑपरेटर्स वह मालिक विभाग से नाराजगी पाल बैठे थे।
सूत्रों की माने आहूजा के दबाव के चलते पूरे विभाग ने जीएसटी की वसूली के लिए छोटे व्यापारियों को भी परेशान करना शुरू कर दिया था जिसकी वजह से छोटा व्यापारी वर्ग भी बेहद नाराज था और यह बात प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच चुकी थी।
अब देखना यह होगा कि नए आयुक्त इस बिगड़ी हुई स्थिति को कितनी कुशलता से और कितनी शीघ्र संभाल लेते हैं।
सौरभ माथुर