जनता को मुफ्त चिकित्सा देने के किये राज्य सरकार ने किया निजी अस्पतालों के साथ ‘आव्हान’ : मंत्री तुलसी सिलावट ने की शुरुआत
स्वास्थ्य मंत्री
कई बार गरीब मरीजों को पैसों की तंगी की वजह से इधर-उधर भटकना पड़ता है। कई बार उन्हें निजी अस्पतालों में रैफर किया जाता है। परंतु पैसों की वजह से उनका ठीक ढंग से इलाज नहीं हो पाता है। स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल की है जिसके तहत अब शहर के निजी अस्पतालों में गरीब मरीजों का इलाज हो सकेगा। प्रोजेक्ट आव्हान के तहत शुक्रवार को एमजीएम मेडिकल कालेज में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब गरीबों को इलाज में किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी और मध्यप्रदेश शासन उन्हें बेहतर से बेहतर इलाज कराएगा।
बीपीएल मरीजों के लिए विभिन्न स्वास्थ्य योजना शहर और प्रदेश में संचालित हो रही है, लेकिन सामान्य स्थिति वाले मरीजों को आज भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकारी अस्पतालों में योजनाओं का लाभ आम नागरिक को बीपीएल कार्ड सहित अन्य दस्तावेज के कारण नहीं मिल पाता है। वहीं निजी अस्पतालों की फीस इलाज व दवा इतनी महंगी है कि वह उसके बस में नहीं होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्री सहित विभागीय अधिकारियों ने यह योजना शुरु की है..
जिसमें शहर का प्रत्येक निजी अस्पताल अपने यहां माह में कम से कम एक मरीज का मुफ्त या रियायती दरों में इलाज करेगा। योजना तो पहले भी तैयार की गई थी, परंतु इसके लिए कोई प्लेटफार्म उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। अब इसे प्रोजेक्ट आव्हान का नाम दिया गया है। इसकी शुरुआत स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट मे एमजीएम मेडिकल कालेज ओडोटोरियम में की।
एक्सटेंशन
इस योजना के तहत निजी अस्पतालों में पूर्व से दी जा रही समस्त सेवा जैसे बेड, नर्सिंग सेवा, ओटी, आईसीयू चार्ज, सर्विस चार्ज नि:शुल्क होगा।और शुरुआत में 170 से अधिक हॉस्पिटल को इनसे जोड़ा गया है। इसके साथ ही पैथोलाजी, सोनोग्राफी में 30 प्रतिशत की छूट तथा विशिष्ट जांच की रियायत 70 प्रतिशत तक हो सकती है। डाक्टर की फीस में 40 प्रतिशत छूट रहेगी। साथ ही दवा बाजार से या आरोग्य से दवा लाने की छूट रहेगी। अस्पताल से भी इसे 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।