डीआईजी रुचि वर्धन मिश्रा निभा रहीं शहर के तारणहार की भूमिका,24 घंटे उठा रहीं सभी के फोन , जब एक बुज़ुर्ग कोरोना संदिघ्द की जांच के लिए उसका परिवार भटकता रहा तब डीआईजी ने परिवार से बात कर उनके घर मेडिकल टीम को भेजने के निर्देश दिए
विशेष - डॉ सौरभ माथुर
इंदौर। कहतें हैं जी जब जब धरती पर कोई बड़ी समस्या आती है तब तब कोई महिला देवी स्वरूप बन आमजन की सेवा करती है , ऐसे ही मामले की आँखों देखि स्तिथि हमारे संवादाता अशोक रघुवंशी ने।
इंदौर के सत्यम कॉलोनी निवासी योगेंद्र सिंह वैश ने अपने साथ सहने वाले साठ वर्षीय बुज़ुर्ग करण सिंह में जब कोरोना जैसी घातक बीमारी के लक्षण पाए तब उन्होंने प्रशासन द्वारा बांटी गयी हेल्प लाइन नम्बर 104 ,181 ,0755-2411180 पर भी कॉल किया लेकिन कहीं से कोई भी रिस्पांस नहीं मिला (corona suspect in indore not being attended) , इसके बाद इन्होने हीरा नगर थाने फोन कर मदद की गुहार लगाई जहाँ से भी इन्हे तीन नंबर दिए गए जिसमे से एक सुयश अस्पताल का था जिन्होंने हाथ खड़े कर दिए और अन्य नबरों पर फोन ही नहीं उठाये गए.
तब परिवार ने भारती न्यूज़ संवादाता अशोक रघुवंशी से संपर्क किया , परिवार की तुरंत मदद करने की तत्परता से श्री रघुवंशी ने ज़िले के कलेक्टर, एडीएम समेत सभी वरिष्ठ अधिकारीयों को फोन करे किन्तु कहीं से जवाब नहीं मिला , तब उन्होंने डीआईजी (DIG Ruchi Vardhan Mishra) को फोन किया जिसे उन्होंने तुरंत उठाकर पूरा मामला समझा और पीड़ित परिवार से फोन पर बात कर उनके घर मेडिकल टीम को पहुँचाने का आश्वासन दे तुरंत मेडिकल टीम को निर्देशित किया जिसके बाद मेडिकल टीम ने पीड़ित परिवार से संपर्क कर तुरंत उनके घर निकलने की बात की।
कोरोना संदिग्ध बुज़ुर्ग करण सिंह अपने निवास से पिछले दस दिनों से लापता थे जिसे उनका परिवार शिद्दत से ढूंढ रहा था , परिवार के अनुसार वो अकेलेपन की वजह से अक्सर घर से पैसे लेकर एक दो दिन के लिया बाहर धूमने निकल जाया करतें हैं लेकिंन इस बार वो बहुत दिनों के लिए चले गए , कल शाम जब वो वापस लौटे तो उन्हें खांसी, गले में दर्द, और बुखार जैसे लक्षण दिखाई दिए अतः कोरोना के लक्षण होने पर पूरे परिवार को दूर रखने के लिए उन्हें घर के सामने बागीचे में बैठा कर उन्हें खाना इत्यादि मुहैया करवाया गया किन्तु उम्र के चलते परिवार जल्द से जल्द उनकी स्क्रीनिंग कर उन्हें घर लाना चाह रहा था जिसके लिए उन्होंने प्रशासन द्वारा दिए गए सभी नम्बरों पर फोन किया लेकिन कोई भी रिस्पांस नहीं मिला।
जब से शहर पर कोरोना जैसी बीमारी की ज़बरदस्त मार पड़ी है तबसे इंदौर डीआईजी लगातार, चौबीस घंटे जनता , प्रशासन, पुलिस टीम और पत्रकारों से संपर्क बनाये हुए हैं, इतना ही नहीं उन्होंने लगातार अपने सन्देश जारी कर जनता तक पहुंचाए ताकि लोगों में घबराहट न हो , चिंता न करें और पुलिस प्रशासन का सहयोग करें।
इतने कठिन समय में जब सभी व्यवस्थाएं चरमराती हुई दिख रहीं हैं तब डीआईजी इंदौर का जज़्बा सच में सलाम करने और प्रेरणा लेने लायक है और हम इस कठिन समय में उनसे अपेक्षा रखते समय ये न भूलें की एक वरिष्ठ पुलिस अफसर होने के साथ वो एक छोटी बिटिया की माँ भी हैं अथवा इतनी मुश्किल परिस्तिथियों में काम और परिवार को संभालना किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं ।