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निवेशकों से डेढ़ करोड़ रूपये वसूलने के बाद गायब हुई एडवाइजरी मनी क्लासिक रिसर्च , सेबी ने आदेश जारी कर सीज़ किये बैंक खाते व संपत्ति, साथ ही एडवाइजरी कंपनियों को निर्देशित कर फ्री ट्रायल तुरंत रोकने के निर्देश दिए, अब हर एडवाइजरी बताएगी अपनी वेबसाइट पर अपनी शिकायतों का हिसाब

इंदौर सेबी ने आज फिर इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी के खिलाफ एक बड़ा आदेश पारित कर अपने सख्त इरादे साफ जाहिर कर दिए हैं।

सेबी ने इंदौर में संचालित मनी क्लासिक रिसर्च जिसके मालिक दीपक मिश्रा के खिलाफ एक आदेश पारित करा जिसमें उनकी सभी चल अचल संपत्ति या बैंक खाते इत्यादि सभी को तुरंत प्रभाव से सील कर दिया गया है साथ ही उक्त कंपनी में काम करने वाले किसी भी कर्मचारी को सिक्योरिटी मार्केट एडवाइजरी उद्योग से संबंधित कोई भी काम नहीं करने की हिदायत व चेतावनी दी गई है।

असल में इस साल सितंबर माह में सीबी विभिन्न एडवाइजरी कंपनियों का मोबाइल ना करने के लिए उनकी जांच पड़ताल कर रही थी तभी इंदौर में चलने वाली मनी क्लासिक रिसर्च के मोबाइल की प्रक्रिया के दौरान यह सामने आया कि सेबी में दर्ज कराए गए पदों पर कंपनी है ही नहीं साथ ही कंपनी के द्वारा नया पता दिए जाने के बावजूद भी फिजिकल इंस्पेक्शन के दौरान कंपनी के दफ्तर का ना होना पाया गया।

उक्त कंपनी के खिलाफ सीबी में इस साल तकरीबन 255 शिकायतें दर्ज हुई जिसमें से कुछ अति गंभीर थी वह 25 शिकायतों का अभी तक कोई भी जवाब नहीं दिया गया था जो सेबी के नियमों के विरुद्ध है, साथी सेबी ने उक्त कंपनी के निदेशक से सभी प्रकार से संपर्क करने की कोशिश करें लेकिन कोई संपर्क नहीं हो पाया अतः सेबी ने उक्त कंपनी के बैंक खातों की जानकारी निकलवाई तो मालूम पड़ा कि अगस्त माह तक कंपनी में करीब ₹9000000 का लेनदेन हुआ है साथ ही उस समय तक कर्मचारियों को तनख्वाह भी बांटी गई है।

हालांकि अगस्त 2019 के बाद से कंपनी के कर्ताधर्ता व ऑफिस नदारद है जिससे यह अंदेशा लगाया जा सकता है की भारी धोखाधड़ी करने के बाद कार्यवाही के डर से कंपनी बंद करके कर्ता-धर्ता भाग लिए हैं।

इसी से संबंधित सेबी ने एक आदेश पारित करते हुए उस कंपनी के सभी बैंक खातों चल अचल संपत्ति को तुरंत प्रभाव से सीज करने का आदेश दिया है वह बैंकों को भी निर्देश दिया है कि वह खातों की पूर्ण जानकारी 1 लेन देन का पूर्ण विवरण से भी में जमा कराएं।

सेबी ने अपने दिए आदेश में यह भी बताया है कि करीब डेढ़ करोड़ रुपए निवेशकों से नियम के विरुद्ध लिए गए जिसमें से एक ही निवेशक से गुण 30 लाख रुपए भी ले लिए गए जो सेबी के नियमों के सख्त खिलाफ है।

साथ ही एडवाइजरी के नाम पर हो रही धोखाधड़ी पर और लगाम लगाने के लिए सेबी ने इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी के लिए नई नीतियां जारी करें जिसमें फ्री ट्रायल को तुरंत रोकने के निर्देश दिए हैं वह अब सभी एडवाइजरी को अपने खिलाफ चल रही शिकायतों का ब्यौरा उनकी वेबसाइट पर स्थित होम पेज पर बड़े अक्षरों में डालना होगा।

अब देखना यह है इन कंपनियों से क्या निवेशकों को सच में फायदा पहुंचता है या उनकी गाढ़ी कमाई ऐठ कर ऐसी कंपनियां आसानी से फुर्र हो सकती हैं।

आदेश के लिंक :

https://www.sebi.gov.in/enforcement/orders/dec-2019/interim-order-in-the-matter-of-money-classic-proprietor-mr-deepak-mishra-_45501.html

https://www.sebi.gov.in/legal/circulars/dec-2019/measures-to-strengthen-the-conduct-of-investment-advisers-ia-_45490.html

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