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प्रेम की भाषा – वैलेंटाइन डे पर SP ने लिखी नायाब कविता

शामली, उत्तर प्रदेश। बहुत कम लोगों को ये ज्ञात होगा की शामली SP एक कुशल अधिकारी के साथ एक उत्कृष्ट कवी भी हैं,  उन्होंने कई बार जनसभाओं , गोष्ठियों में अपनी रची हुई कविता सुना के सबको चौंका दिया, आज वैलेंटाइन डे पर उन्होंने लिखी एक और उत्कृष्ट कविता :

 

*शब्दरहित है प्रेम की भाषा…🌹*

*प्रेम ब्रह्म है, प्रेम महेश*
*प्रेम विष्णु है, प्रेम विशेष*
*बिना प्रेम सब आधे-आधे*
*प्रेम से बोलो राधे-राधे !*

*प्रेम नहीं तो सूना जीवन*
*बिन बहार के जैसे उपवन*
*प्यार भरा जीवन है जिसका*
*उसको फिर ग़म होगा किसका !*

*प्रेम समाया कण-कण में*
*साँसों के हर क्षण-क्षण में*
*हर दिल की हर धड़कन में*
*हर मन में, हर दर्पण में !*

*प्रेम ! कहो तुम कहाँ नहीं?*
*जल जीवन आकाश ज़मीं*
*यत्र-तत्र-सर्वत्र तुम्हीं हो*
*कंद-मूल-फल पत्र तुम्हीं हो।*

*हर धड़कन, हर साँस तुम्हीं हो*
*प्यास तुम्हीं हो, आस तुम्हीं हो*
*जीवन की हर साज़ तुम्हीं हो*
*जन-मन की आवाज़ तुम्हीं हो।*

*दिल को थामें तुम्हें पुकारूँ !*
*तन-मन-जीवन तुम पर वारूँ*
*शब्दरहित है प्रेम की भाषा*
*मौन-गीत से तुम्हें दुलारूँ !!

*सादर*
*अजय कुमार*

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