बाजारों में होली को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है साथ ही वन विभाग द्वारा हमेशा की तरह इस बार भी पलाश व टिशू के फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार करवा रहा है जो अगले 2 दिनों में बाजार में बिकने आ जाएंगे
आधुनिक युग में कलर में अलग-अलग केमिकल मिलाकर रंग बिरंगी कलर वह गुलाल बाजार में बिकने आते हैं जिससे त्वचा की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है परंतु पिछले कुछ सालों से लोगों में जागरूकता ही है और वे प्राकृतिक गुलाल का उपयोग करते हैं वन विभाग द्वारा हर साल विभिन्न फूलों से प्राकृतिक रंग वह गुलाल बनाए जाते हैं चोरल में वन समिति द्वारा
एक प्लांट लगाया गया है जिसमें 100 से अधिक लोग मिलकर प्राकृतिक रंग गुलाल को तैयार करते हैं इस साल भी विभाग की
अंतिम दौर में अगले एक-दो दिनों में वन विभाग द्वारा यह रंगो गुलाल बाजार में सप्लाई कर दिए जाएंगे साथी विभाग लोगों को जागरूक कर रहा है कि वह प्राकृतिक रंगवा गुलाल का ही उपयोग करें जिससे उनकी त्वचा को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान ना हो पेड़ों पर से भी टेसू के फूल गिरने लगे हैं जो लोग एकत्रित कर अपने घरों में भी गुलाल रंग बनाने की जुगत में लग गए हैं