बैंकों के साथ इंदौर पुलिस की बैठक ताकी कम से कम हो साइबर अपराध व बैंकों से संबंधित फ्रॉड, शहर के तकरीबन 20 से अधिक बैंकों के प्रतिनिधि आये
इन्दौर – दिनांक 22 अगस्त 2018- वर्तमान समय में बढ़ते सायबर अपराधों एव ऑनलाईन ठगी की रोकथाम एवं बेहतर आपसी तालमेल व समन्वय के साथ कार्य करके, इन अपराधों पर नियत्रंण पाया जा सके, इसी को ध्यान में रखते हुए, जिला इन्दौर के बैंको के नोडल अधिकारियों के साथ एक बैठक का आयोजन आज दिनांक 23.08.19 को पुलिस कंट्रोल रूम पर आयोजित की गयी। जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इन्दौर श्रीमती रूचि वर्धन मिश्र की विशेष उपस्थिति में अति. पुलिस अधीक्षक क्राईम श्री अमरेन्द्र सिंह, उप पुलिस अधीक्षक क्राईम श्री आलोक शर्मा, शहर के विभिन्न प्रमुख बैंको के नोडल अधिकारीगण एवं क्राईम ब्रांच इन्दौर की टेक्निकल टीम सहित अन्य पुलिस अधिकारीगण उपस्थित रहे।
उक्त बैठक में वर्तमान परिदृश्य में बढ़ते ऑनलाईन ट्रान्जेक्शन के कारण, सायबर अपराधियों द्वारा की जाने वाली ऑनलाईन ठगी व धोखाधड़ी की वारदातों की रोकथाम एवं इनसे बचने के लिये ध्यान में रखने वाली आवश्यक बातों पर चर्चा की गयी।
एसएसपी इन्दौर ने कहा कि पुलिस व बैंक बेहतर आपसी समन्वय व तालमेल के साथ काम करके, इन अपराधों पर बेहतर तरीके से नियंत्रण पाया जा सकता है, उन्होने इस संबंध में चर्चा के दौरान निम्नलिखित बातों को ध्यान रखने पर जोर दिया –
बैंको की वेबसाईटों को समय-समय पर अपडेट करतें रहे, व इस पर बैंकिग फ्रॉड से बचने के लिए रखी जानें वाली सावधानियों को भी आम जनता के लिये अपलोड करें।
विभिन्न ई वॉलेट के माध्यम से किये जाने वाले ट्रांजेक्शन पर होने वाली ठगी से बचने के लिये पूरी सावधानी बरती जावें।
कॉल सेंटर के माध्यम से कॉल कर विभिन्न प्रकार के प्रलोभन दिये जाकर की जानें वाली ठगी को रोकनें के लिये भी आवश्यक कदम उठाये जाये।
बैंको की लिंक आदि भेजकर यूपीआई के माध्यम से की जाने वाली ठगी को रोकनें के लिए, इस प्रकार की वेबसाईटो की पहचान कर उन पर कार्यवाही की जावें एवं इस पर बैंको द्वारा अपनी वेबसाईट्स के सुरक्षा फीचर जोड़े जावें।
ऑनलाईन ट्रांजेक्शन के दौरान कुछ ऐसी व्यवस्था की जाये, जिससें रूपयें उसी समय ट्रासंफर ना होकर कुछ समय होल्ड होकर प्राप्त हो जिससें शिकायत प्राप्त हानें पर ट्रांजेक्शन को कैंसल किया जा सकें।
नया अकाउंट ओपन करतें समय केवाईसी का पूरा ध्यान रखा जाये जिससें फर्जी अकाउंट ओपन ना हो सकें।
सभी अकाउंट के केवाईसी अपडेट रखी जायें जिससें फ्रॉड होने पर फर्जी अकाउंट को आईडेटिंफाई किया जा सकें।
विदेशों मे करेंसी ट्रांसफर फ्रॉड मे शिकायतकर्ता द्वारा कहा जाता है कि फॉरेन मनी ट्रांसफर की सुविधा नही होने पर भी पैसा विदेश मे ट्रांसफर हो ग या। इस प्रकार व्यवस्था की जाये, जिससे विदेशों से होने वाले फ्रॉड को रोका जा सकें।
एटीएम के क्लोन बनाकर की जानें वाली ठगी न हो सके, इसके लिये एटीएम व बैंको के सुरक्षा फीचर सुव्यवस्थित किये जावें तथा समय-समय पर उनका अपडेशन भी किया जावे।
एटीएम मशीन मे फ्रॉड रोकनें के लिए एटीएम के अंदरूनी कैमरो को सही रखा जायें व एटीएम मे आवश्य क रूप से कैमरे लगाये जाकर गार्ड की नियुक्ति भी की जाये।
नेटबैकिंग मे imps, neft के माध्यम से होनें वाली ट्रांजेक्शन मे कोई फ्रॉड ना हो, इसके लिए ट्रांजेक्शन से पहलें मोबाईल पर ओटीपी प्राप्त हो जिससें गलत ट्रांजेक्शन होने पर रोका जा सकें।
आयोजित बैठक में प्रमुख तौर पर आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, यूको बैंक, आन्ध्रा बैंक, फिनो पेमेन्ट बैंक, कोटक बैंक, एक्सिस बैंक, केनेरा बैंक, जना स्मॉल फायनेन्स बैंक, यस बैंक, इलाहबाद बैंक, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया, बंधन बैंक, एच डी एफ सी बैंक, ओरिएन्टल बैंक ऑफ कोमर्स, बैंक ऑफ इण्डिया, सिंडिकेट बैंक, आईडीबीआई बैंक, इण्डियन बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इण्डिया, तथा एक्सिस बैंक सहित 20 से अधिक बैंकों के नोडल अधिकारी उपस्थित हुये जिन्होंनें पुलिसकर्मियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संवाद के माध्यम से बैंक से संबंधित आने वाली तकनीकी समस्याओं को जाना तथा शीघ्र निराकरण का आशवासन दिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों के द्वारा सायबर फ्रॉड को रोकनें के लिए बैंको के नोडल अधिकारियों से सायबर अपराधों पर चर्चा कर फीडबेक लिये गये, जिससें भविष्य मे होने वाले सायबर अपराधों को रोकनें मे सफलता प्राप्त की जा सकें।