लसूड़िया थाने के पास लावारिस छोड़ गए थे मां बाप, इटली के दंपत्ति ने लिया गोद, अब आगे का जीवन इटली में गुज़रेगा बच्चा
सिल्वा , गोद लेने वाली इटली की दम्पति
आशा सिंह राठौर , अधीक्षक नवदीप शिशु कल्याण केंद्र
इंदौर – ढाई साल पहले चार साल के जिस बच्चे को उसके जैविक माता-पिता ने लसूड़िया थाने के पास छोड़कर उसे अनाथ बना दिया, उसे अब माता-पिता का प्यार मिलेगा। सेंट्रल एडॉप्श न रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) के दिशानिर्देश और कोर्ट के माध्यम से इस बच्चे को इटली के टेग्लीब्यु अल्बर्टो और सिल्वा डेनिक्ला ने गुरुवार को गोद लिया।
इंदौर बाल कल्याण समिति ने बच्चे को मुक्त घोषित किया है। इसके बाद संस्था ने उसे गोद देने की प्रक्रिया शुरू की।राज नामक इस स्पेशल चाइल्ड के दत्तक माता-पिता उसे लेने गुरुवार को इंदौर आए। बच्चे का आईक्यू कम है। इस कारण वह साढ़े छह साल की उम्र में पांच साल के बच्चे की तरह बात करता है। यही वजह है कि इटली के दंपती ने उसे गोद लेने का निर्णय लिया। 7 नवंबर 2017 को राज को उसके असली माता-पिता ने जब छोड़ा था, तब वह न उनका नाम बता पा रहा था, न पता। ऐसे में चाइल्ड लाइन ने उसे विजय नगर क्षेत्र स्थित संजीवनी सेवा संगम के शिशुगृह को सौंपा। संस्था ने उसके माता-पिता या परिवार वालों को खोजने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं मिले। इस बीच राज ने अपनी स्कूली पढ़ाई शुरू की और इस बार केजी 1 की परीक्षा भी दी।
इटली के दंपती ने कारा के पोर्टल पर अनाथ बच्चों की सूची में राज का फोटो देख उसे गोद लेने का निर्णय लिया। इटली के अधिकारियों ने दंपती का फोटो एलबम व वीडियो बनाकर राज के लिए भेजे थे। उन फोटो में ही राज ने अपने गोद लेने वाले माता-पिता को देखा है। गुरुवार को पहली बार उनसे रूबरू हुए इस बीच संस्था ने राज की काउंसलिंग भी की है। उसके इटली जाने की प्रक्रिया में कोई बाधा न रहे, इसके लिए उसका पासपोर्ट भी हाल ही में बनवाया गया है। पिछले साल माही गई थी अमेरिका संजीवनी सेवा संगम के शिशुगृह में 1981 से अब तक करीब 20 अनाथ बच्चों को विदेशी, जबकि 900 बच्चों को देश के दंपतियों को गोद दिया गया। पिछले वर्ष इस संस्था से बच्ची माही को अमेरिका के दंपती ने गोद लिया था।
इस संस्था को 1981 में झाबुआ की महारानी लोकराज्य लक्ष्मी देवी ने शुरू किया था।