पुलिस लॉकअप में आरोपी की मौत, ज़बरदस्त हंगामे के बाद आनन फानन में लोगों को वाट्सएप पर जोड़ मदद करने वाली गांधीनगर टीआई ससपेंड
एसपी सूरज वर्मा
इंदौर। पुलिस लॉकअप में मौत का मामला सामने आया जहां इंदौर के गांधी नगर थाना क्षेत्र में एक युवक पुलिस की हवालात में मौत हो गई , फिलाहल मौत किस कारण से हुई इसकी न्यायिक जांच की जाएगी लेकिन फिलहाल आनन फानन में थाना प्रभारी मो सस्पेंड कर दिया गया है।
घटना इंदौर के गांधी नगर थाने का जिसमें गांधी नगर थाना क्षेत्र के रिंजलाय गाँव मे रहने वाले संजय उर्फ संजू बलाई को चोरी के मामले में पूछताछ के लिए गांधी नगर थाने लाया गया था ,सुबह तकरीबन 11 बजे दोनो भाइयों को पूछताछ करने के लिए थाने लाया गया था, बताया जा रहा है कि अरिहंत नगर में कुछ दिन पहले चोरी की घटना सामने आई थी उसी मामले में दोनों को पूछताछ के लिए लाया गया था औऱ पूछताछ के दौरान दोनों भाइयों को अलग अलग रखा गया था ।
पीड़ितों द्वारा आरोप है कि इस दौरान पुलिस कर्मियों के द्वारा संजय उर्फ संजू को लगातार पीटा जा रहा था वही शाम तकरीबन चार बजे के आसपास उसकी तबियत बिगड गई जिसकी सूचना परिजनों ने थानां प्रभारी के साथ ही बीजेपी से जुड़े नेताओ को दी गई , जब परिजनों ने नेताओ के माध्यम से संजू के इलाज की बात थानां प्रभारी को कहलवाई तो थानां प्रभारी ने बीजेपी नेताओं को भी जमकर लताड़ा और मृतक संजय उर्फ संजू को किसी भी तरह के इलाज से मना कर दिया , जब देर शाम संजय की हालत बिगड़ी तो उसे पुलिस कर्मी ही इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल लेकर पहुचे ,लेकिन तबियत ज्यादा बिगड़ जाने के कारण उसे एमवाय हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत कायम कर दिया।
जब पूरे मामले की जानकारी आला अधिकारियों को लगी तो एसपी से लेकर एडिशनल एसपी और तीनों थानों का बल गांधी नगर पहुचा , और हंगामा बढ़ता देख आनन फानन मे थानां प्रभारी को तत्काल में नीता देयरवाल को सस्पेंड कर दिया।
पूरे मामले की न्यायिक जांच की बात कही जा रही है और जांच के दौरान जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाए जायेगे उन पर भी करवाई की बात कही जा रही है।
सस्पेंडेड थाना प्रभारी नीता देरवाल ने पिछले एक महीने में रहवासियों को वाट्सएप ग्रुप पर जोड़ उनकी समस्याओं का निराकरण करने के लिए काफी शाबाशी बटोरी थी किन्तु यह मामला उनकी उस सराहनीय छवि को ‘ओवरराइड’ करता हुआ नज़र आ रहा है।
इंदौर में यह पहला मामला नही है, इसके पहले भी दो मामले सामने आ चुके है जब हवालात या पुलिस की पिटाई के दौरान मौत के मामले सामने आये है ,वही एक मामले में हाई कोर्ट ने पुलिस कर्मी के खिलाफ गिफ्तारी वारंट तक जारी किए है हालांकि अंदरूनी तौर पर ऐसे अधिकतर मामलों में थाने के जूनियर स्टाफ की लापरवाहियों की सज़ा अक्सर थाना इंचार्ज और आला अधिकारियों को भुगतनी पड़ती है इसीलिए ऐसे मामलों की गंभीर जांच करके सही दोशियों को सज़ा दिलवानी चाहिये।