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इंदौर

लॉकडाउन में चढ़ा कर्ज उतारने के लिए लड़की ने रच डाली ख़ुद के ही अपहरण की साज़िश, बड़ी बहन से मांगी फिरौती, इंदौर पुलिस ने शातिराना तरीके से किया भंडाफोड़

 

इंदौर।पुलिस थाना हीरानगर नें चंद घण्टो के अंदर ही नकली अपहरण का किया पर्दाफाश ,कर्ज से परेशान होकर महिला नें अपने नौकर के साथ मिलकर स्वयं के अपहरण की रची थी साजिश,बहन को फोन करके बोला कितने रूपये चाहिये ये कल बताएगें,महिला ने तीन लोगो द्वारा अपहरण किये जाने की झूठी कहानी रचकर अपने नौकर के साथ उसके गांव साका थाना चैनपुर जिला खरगोन चली गयी थी।

 

दरअसल हीरानगर थाना क्षेत्र में बुधवार को 36 वर्षीय महिला के अपहरण से हड़कंप मच गया। महिला ने बड़ी बहन को कॉल कर घटना बताई और उसके बाद फोन बंद हो गया। पुलिस मोबाइल लोकेशन के आधार पर खंडवा व खरगोन में महिला की तलाश कर रही है। महिला पर कोरोना की दूसरी लहर में कर्ज हो गया था। महिला श्यामनगरनिवासी अलिसा पति संजय रॉय गौरीनगर स्थित एक एम्ब्रायडरी कारखाना में काम करती है। और सुबह कारखाने का बोलकर घर से नीलीली थी और शाम तक घर नहीं पहुंची शाम को बड़ी बहन रिंकू के पास कॉल आया कि तीन अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा फिरौती के लिए मुझे किडनेप कर लिया है और किसी सूनसान स्थान पर रख रखा है तथा अवैध रुपए मांग रहे हैं और बोली कि दीदी आप मुझे फोन मत करना मैं खुद आपको कॉल करूंगी,तब  पुलिस सक्रिय हुई।

 

रिंकू की शिकायत पर शाम 7 बजे पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की और टीमें तलाश में रवाना कीं, अलिसा के मोबाईल की आखिरी लोकेशन खंडवा में मिली थी जिस पर खंडवा पुलिस की मदद से उसे तलाश की साथ ही घटनास्थल के आसपास के क्षेत्र के सी.सी.टी.वी. फुटेज खंगाले गये तथा आस-पास की कालोनियो में सघनता से पूछताछ की गयी तो पुलिस को कुछ विरोधाभासी बाते मिलीं।

 

तब इंदौर पुलिस ने थाना चैनपुर जिला खरगोन की पुलिस टीम के द्वारा ग्राम साका में पता करने पर अपहर्ता वहां पर भी नहीं मिली तो पुलिस नें मनोवैज्ञानिक तरीके से दबाव बनाया तो अपहर्ता अलीशा नें देर रात भंवरकुंआ थाना आकर फिर नई झूठी कहानी बनाने की कोशिश की तब तक हीरानगर पुलिस नें दिलीप उर्फ धुलीचन्द्र नि. हाल सफेद मंदिर के पास जिला इंदौर को पकडा और दोनों से पूछताश की तो अलीशा नें बतया की लाकडाउन में 04-05 लाख के कर्जे से परेशान होकर स्वयं के अपहरण किये जाने की झूठी कहानी बनाने की बात स्वीकार की।

 

अलीशा की योजना फिरौती से मिली रकम से कर्जे चुकाने की थी।फ़िलहाल पुरे मामले का पर्दाफ़ाश करने वाली टीमों को नगद पुरुस्कार से भी सम्मानित किया जायेगा।

 

बाईट – शशिकांत कनकने,एडिशनल डीसीपी

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