स्कूल का रिजल्ट ख़राब इसीलिए टीचरों को देनी होगी 12वीं की परीक्षा, इतिहास में पहली बार
राजेंद्र कुमार मकवानी ,जिला शिक्षा अधिकारी
इंदौर में हाई स्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षाओं के परिणाम के बाद कम अंक प्राप्त करने वाले स्कूलो के शिक्षकों पर एक कड़ी कार्रवाई की जा रही है पहली बार ऐसा हो रहा है,जब छात्रों के बजाए अब शिक्षक को परीक्षा देनी होगी इंदौर में जीरो प्रतिशत रिजल्ट वाले दो स्कूलो के 16 शिक्षकों को 12वी की परीक्षा देनी होगी दरअसल जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक रखी गयी थी।
इसमें इंदौर जिले के 165 हाई स्कूल और 155 हायर सेकंडरी स्कूलों के प्राचार्यो ने हिस्सा लिया बोर्ड परीक्षाओं में 30 फीसदी परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की योग्यता पर ही सवाल खड़े हो गए हैं इंदौर में दो ऐसे स्कूल भी मिले जिसका रिजल्ट जीरो प्रतिशत आया है इंदौर के जूना रिसाला हाईस्कूल और हाई सेकेंडरी स्कूल सिवनी के सभी छात्र फ़ैल हुए है अब इन दोनों स्कूलों के कुल 16 शिक्षकों को परीक्षा देना अनिवार्य होगा हालांकि निर्देश के बाद शिक्षकों की शिक्षण योग्यता पर ही सवाल खड़े किये जाने पर इसका विरोध भी दर्ज़ कराया गया लेकिन शिक्षा विभाग अपने वचन पर अडिग है और शिक्षकों को परीक्षा देना अनिवार्य होगा जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार रिजल्ट ख़राब आने के पीछे की वजह जूना रिसाला हाईस्कूल स्कूल में विज्ञान विषय के लिए रेगुलर शिक्षक की नियुक्ति आधे शैक्षणिक सत्र के बाद हुई थी साथ ही स्कूल में बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय के है।
जो पढ़ाई के साथ काम भी करते है वही हाई स्कूल सिवनी में एक-दो विषय के शिक्षकों द्वारा कम ध्यान देने के कारण परेशानी हुई गौरतलब है कि पिछले शिक्षा सत्र में विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनाव के दौरान इंदौर जिले के सैकड़ों शिक्षकों को निर्वाचन कार्य में लगाया गया है जिससे वे सही तरीके से शिक्षण कार्य नहीं कर पाए हैं इसकी एक बड़ी वजह इंदौर में हाई स्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षाओं के परिणाम में अब साफ़ दिखाई दे रही है।
पहली बार ऐसा हो रहा है जब छात्रों के बजाए अब शिक्षक को परीक्षा देनी होगी इंदौर में जीरो प्रतिशत रिजल्ट वाले दो स्कूलो के 16 शिक्षकों को 12वी की परीक्षा देनी होगी..रिजल्ट के बाद कारवाही की जाएगी।