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हनीट्रैप मामलें की शुरुआत में ही पुलिस की बड़ी हार,तीनो आरोपी महिलाओं की पुलिस रिमांड ख़ारिज, ज्यूडिशियल रिमांड पर होगी पूछताछ, बड़ा सवाल : क्या पुलिस का प्रतिवेदन ही कमज़ोर था ?

इंदौर। पूरे देश में तहलका  मचाने वाले हनी ट्रैप मामले की शुरुआत में ही इंदौर पुलिस को एक बड़ा झटका लग गया , आज कोर्ट में तीनों आरोपी महिलाओ , मास्टर माइंड  श्वेता जैन , श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी भटनागर  को  पेश करने के बाद माननीय न्यायलय ने 7 दिन की पुलिस रिमांड की अर्ज़ी को ख़ारिज करते हुए जुडिशल कस्टडी में मामले की पूछताछ करने की मंज़ूरी दी है.

इंदौर के एक वरिष्ठ व जाने माने क्रिमिनल अधिवक्ता  नें  भारती न्यूज़ से चर्चा में  बताया की कोर्ट द्वारा पुलिस रिमांड को ख़ारिज करना अपने आप में कई सवाल उठाता  है , प्रथम दृष्ट्या लगता है की पुलिस की तरफ से दिया गया प्रतिवेदन कमज़ोर होगा , पुलिस न्यायालय को मामले में पुलिस रिमांड की आवश्यकता के लिए समझा ही नहीं पायी होगी इसीलिए न्यायाधीश नें  पुलिस रिमांड ख़ारिज करते हुए जुडिशियल कस्टडी दी है , ये मामला चिंदम्बरम के मामले से बड़ा तो नहीं हो सकता की न्यायलय को पुलिस रिमांड ख़ारिज करनी पड़े।

इस मामले पर एएसपी क्राइम अमरेंद्र सिंह ने भारती न्यूज़ को बताया की पुलिस ने प्रतिवेदन पूरी तैयारी के साथ दिया था , मामले के इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर ने खुद प्रस्तुत हो माननीय न्यायलय से पुलिस रिमांड की गुहार लगाई थी।

कोर्ट रूम में हुई जिरह में आरोपी महिलाओं के पक्षकार ने न्यायालय को कहा की पुलिस पहले ही मोबाईल, लैपटॉप इत्यादि ज़प्त कर चुकी है इसीलिए अब इनकी पर्सनल पुलिस रिमांड की आवश्यकता नहीं है जिसे मानते हुए कोर्ट ने पुलिस रिमांड ख़ारिज की।

खैर , जो भी हो , एक बात तो साफ़ हो गयी की मामले की पुलिस रिमांड ख़ारिज होने से मामले की जांच की शुरुआत ही ढीली पड़ती दिखाई देती है  , आने वाले दिनों में पुलिस को अपनी तयारी और बेहतर करनी होगी वरना पूरे मामले में सबसे सख्त धारा 420 को साबित करने में पसीने छूट जाएंगे।

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