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इंदौर बच्चा चोर गैंग में शहर दो नामी डॉक्टर भी शामिल, भोपाल के प्रोफेसर की पत्नी थी गिरोह की ग्राहक

इंदौर – अपने जगमगाती रोशनी और स्वच्छता के चौथे पायदान पर खरा उतरने वाला शहर इंदौर में महिला थाना और क्राइम ब्रांच पुलिस ने संयुक्त कार्यवाही कर नन्हे मासूम बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह के मुख्य मास्टरमाइंड बबलू उर्फ तेजकरण और शिल्पा को पकड़ लिया, उन्होंने पुलिस की पूछताछ में कई बड़े राज उगले हैं, जिसमें बच्चों की खरीद-फरोख्त में दो डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं, वहीं पुलिस ने इस पूरे मामले में गिरोह के अन्य 2 सदस्य सहित बच्चा खरीदने वाली प्रोफेसर की पत्नी को अपनी गिरफ्त में लिया है, जिनके पास से 2 माह और 2 साल के बच्चे को बरामद किया है, दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति को सौंपा गया है, इन बच्चों की खरीद-फरोख्त का सौदा एक से लेकर तीन लाख रुपये तक गिरोह द्वारा किया जाता था

दरअसल पूरे मामले पर पर्दा डाले तो ईवा वेलफेयर समिति की अध्यक्ष भारती द्वारा इंदौर डीआईजी अपनी एक महिला मित्र के साथ शिकायत दी गई थी कि एक बच्ची को बेचने के लिए एक महिला द्वारा एक लाख रुपए की मांग उनसे की गई है, शिकायत को गंभीरता से लेते हुए क्राइम ब्रांच और महिला थाना पुलिस की एक संयुक्त टीम बनाकर पुलिस एनजीओ अध्यक्ष भारती के साथ मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने बच्ची का सौदा करने के लिए उन्हें मालवा मिल स्थित एक इलाके में बुलाया गया, जैसे ही बच्चा बेचने वाले गिरोह के सौदागर ने बच्चा लेकर भारती से संपर्क करा, घात लगाए टीम ने मौके से एक महिला पुरुष हिरासत में लेकर 10 दिन के मासूम बच्चे को बरामद किया, पुलिस की पूछताछ में गिरोह का मास्टरमाइंड ने अपना नाम बबलू उर्फ तेजकरण वही साथी महिला ने अपना नाम शिल्पा बताया, जब बच्चे के बारे में जानकारी ली गई तो पहले तो पुलिस को गुमराह करते रहे लेकिन सख्ती से पूछताछ में गिरोह ने अपने अन्य सदस्यों के नाम कबूले, जिसमें शहर के दो बड़े डॉक्टरों के नाम भी सामने आए हैं, गिरोह ने कुछ दिन पूर्व भोपाल स्थित प्रोफेसर की पत्नी को दो बच्चों का लाखों रुपए में सौदा कर बेचने की बात कही, जिस पर पुलिस टीम ने एलाइजी स्थित दबिश देकर रीत मकवाने नामक महिला को अपनी गिरफ्त में लिया, जिसके पास से 2 माह औऱ 2 साल के मासूम बच्चे को पुलिस ने अपनी हिफाजत में लिया है, महिला प्रोफेसर की पत्नी में पूछताछ में बताया कि शादी को काफी साल हो जाने के बाद जब बच्चे नहीं हुए तो बच्चों की लालच में उन्हें गैरकानूनी रूप से बच्चों को खरीद कर गोद लिया था

बाईट- रुपाली सिंह भदोरिया

वही पुलिस की सख्ती से पूछताछ में गिरोह के धीरे-धीरे परत खुलती ही जा रही है, पूछताछ में गिरोह ने करुणा मेटरनिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर पवन राय और रमाकांत शर्मा के नाम के खुलासे किये है, जो गिरोह को बच्चों उपलब्ध कराने का काम करते थे, वही यहां काम करने वाला रिसेप्शनिस्ट अमित की भी भूमिका सामने आई है, गिरोह के मास्टरमाइंड से पूछताछ के बाद अब पुलिस ने पांच सदस्यों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है जो चंद रुपए की एक कमीशन के लिए बच्चों की खरीद-फरोख्त का काम करते हैं

बाईट- रुपाली सिंह भदोरिया

गिरोह के लगभग सभी सदस्य मेडिकल फील्ड से जुड़े हुए हैं वही गिरोह का मास्टरमाइंड बबलू उर्फ तेजकरण एक निजी हॉस्पिटल में वार्ड बॉय रह चुका है, तो वही शिल्पा और मधु नर्सिंग कोर्स कर चुकी है और कई निजी हॉस्पिटलों में अपनी सेवाएं दे चुकी है, लेकिन रुपयों की लालच में नौकरी छोड़ बच्चों की खरीद-फिरोख्त करने लग गए, लगभग तीन-चार सालों से गिरोह शहर में सक्रिय है, बहरहाल जिन दो डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं उनकी गिरफ्त में आने के बाद गिरोह के बच्चा खरीद-फिरोख्त के गोरखधंधे में और किन बड़े नामों के खुलासे होंगे यह तो पुलिस की पूछताछ में ही सामने आएगा, लेकिन पुलिस ने सकुशल हिफाजत में लिए तीनों ही बच्चों के माता-पिता की जानकारी नहीं लग पाई है, पुलिस को अंदेशा है कि जो युवतियां अनजाने में की गई गलतियों के कारण गर्भवती होकर अबॉर्शन कराने पहुंचती है, उन युवतियों से गिरोह संपर्क कर इन बच्चों को लेकर निसंतान माता-पिता से संपर्क कर उन्हें लाखों रुपए में बेच देते थे

बाईट- रुपाली सिंह भदोरिया जांच अधिकारी

बरहाल पुलिस गिरोह द्वारा गैरकानूनी रूप से अब तक कितने बच्चों को बेचा गया है और इसके पीछे कौन कौन है उसका पता लगाया जा रहा है

Two well-known doctors are also included in the Indore Bachcha Chor Gang

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